महामारी के समय अजीत सिंह नाम के शख्स ने वानर सेना नाम से एक संगठन बनाया जो संकट के समय मजबूर जरूरतमंद के साथ सक्रिय होकर संकट काटने का काम करती है।
जैसे हनुमान चालीसा मे लिखा है ” संकट कटय मिटा सब पीरा जो सुमिरय हनुमत बलबीरा ” वैसे ही वानर सेना हनुमान जी की सेना है जो रामायण काल मे संकट के समय श्रीराम के साथ सक्रिय हुई थी।
अजीत सिंह समाज कल्याण विभाग मे बड़े अधिकारी हैं। और कर्म भी समाज का कल्याण करने के लिए कर रहे हैं। सोशल मीडिया से उन्हें पता चला कि जनपद चित्रकूट के गांव सकरौंहा मे एक गरीब ब्राह्मण परिवार इतना मजबूर हो चुका कि वह आत्महत्या करने की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
तत्काल उन्होंने वानर सेना जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन प्रताप सिंह से एवं चित्रकूट धाम मंडल प्रभारी देवेन्द्र सिंह को पीड़ित परिवार के पास पहुँच कर हालचाल लेने एवं सहयोग प्रदान करने की योजना बनाने का निर्देश दिया।
मंडल प्रभारी देवेन्द्र सिंह ने बताया कि जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन प्रताप सिंह हमारे अनाम देवदूत के नाम से प्रसिद्ध हैं। जो लोगों की सहायता को आगे आते रहे हैं। ऐसे लोगों को समाज मे हमेशा सक्रिय रहकर सकरौंहा के पप्पू त्रिपाठी जैसे मजबूर इंसान की मदद करनी चाहिए। जिससे हमारे समाज मे एकजुटता होगी और इंसानियत जिंदा रहेगी।
समय का काल ऐसा आया कि 28,000 मे तीन बीघे खेती गिरवी रखने पड़ी और अब इलाज हेतु परिवार के पास पैसे भी नही हैं जिसकी खबर जन एक्सप्रेस के जिला संवाददाता हेमनरायण हेमू ने चलायी थी।
पप्पू त्रिपाठी के जीवन और घर का कायाकल्प किया जाएगा जिसके लिए वानर सेना संकल्पबद्ध हो चुकी है।