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भोजवाल समाज के सर्व स्वीकार्य नेता हैं। भोजवाल समाज के  नेता के रूप मे आपकी बड़ी पहचान है। संपूर्ण समाज इन पर गर्व करता है चूंकि इस पिछड़े शोषित गरीब समाज के रखवाले के रूप मे इन्होंने साबित किया है। भोजवाल समाज तमाम योजनाओं से वंचित रह जाता है और गरीबी मे जीवन व्यतीत करता है तो अपने इस समाज के उत्थान के लिए रामबाबू गुप्ता ने समय-समय पर खूब प्रयास किया तो वहीं 11 गरीब कन्याओं का कन्यादान करने का संकल्प लिया। साथ ही समाज के हर वर्ग के गरीब और जरूरतमंद के साथ खड़े रहते हैं। जिन्होंने सोशल वर्क से अपनी पहचान बनाई है।

समाजसेवा ही राजनीति है और राजनीति के माध्यम से समाजसेवा करना एकदम सरल हो जाता है। रामबाबू गुप्ता जनपद चित्रकूट नगर की एक ऐसी ही शख्सियत हैं जो अपनी समाजसेवा के लिए चर्चित हैं। जिन्होंने संकल्प लिया है कि अपनी कमाई का दशांस अर्थात दसवां हिस्सा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार व समाज के हित के लिए खर्च करेंगे। इस सेवा भाव के साथ वह राजनीति करते हैं और वर्तमान मे भाजपा के जिला मंत्री हैं। जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे की अध्यक्षीय कार्यकाल मे आप भाजपा के जिला मंत्री बने और दल के लिए समर्पण भाव से काम करते रहे।

भोजवाल समाज के सर्व स्वीकार्य नेता हैं। भोजवाल समाज के नेता के रूप मे आपकी बड़ी पहचान है। संपूर्ण समाज इन पर गर्व करता है चूंकि इस पिछड़े शोषित गरीब समाज के रखवाले के रूप मे इन्होंने साबित किया है। भोजवाल समाज तमाम योजनाओं से वंचित रह जाता है और गरीबी मे जीवन व्यतीत करता है तो अपने इस समाज के उत्थान के लिए रामबाबू गुप्ता ने समय-समय पर खूब प्रयास किया तो वहीं 11 गरीब कन्याओं का कन्यादान करने का संकल्प लिया। साथ ही समाज के हर वर्ग के गरीब और जरूरतमंद के साथ खड़े रहते हैं। जिन्होंने सोशल वर्क से अपनी पहचान बनाई है।

जब तक कन्यादान नही तब तक घर मे बहू नही लाऊंगा :

इनके खुद की एक बेटी है बावजूद इसके यह संकल्प लिया कि जब तक कम से कम 11 कन्याओं का कन्यादान नही कर लूंगा तब तक घर मे बहू नही लाऊंगा। ऐसे बहुत कम लोग होते हैं या सिर्फ एक ही रामबाबू गुप्ता जैसे लोग पाए जाते हैं जो इस तरह का विरला संकल्प लेते हैं। संकल्प लेने के साथ उसे पूरा करने के लिए प्रयास भी किया। नवंबर 2022 मे ही रामायण मेला परिसर चित्रकूट मे कन्यादान समारोह का आयोजन हुआ जिसमे 8 कन्याओं का कन्यादान इन्होंने किया।

दो अनाथ बेटियों का कन्यादान :

इस कन्यादान समारोह मे दो ऐसी बेटियां जिनका कोई नही था। माता पिता से वंचित इन बेटियों का कन्यादान रामबाबू गुप्ता ने जब किया तो उन्हें माता पिता मिल सके। सभी बेटियों के विवाह का पूरा खर्च उठाकर सकुशल विदाई की और यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम सिद्ध हुआ। भोजवाल समाज के लोगों ने बेटियों को व्यक्तिगत उपहार देकर इस कार्य मे सहयोग प्रदान किया और इस दौरान देश भर से भोजवाल समाज के लोग चित्रकूट आए तो चित्रकूट एवं आसपास का भोजवाल समाज भी कार्यक्रम मे उपस्थित रहा।

इनके इस सेवा भाव की वजह से समाज का हर वर्ग मानता है तो भोजवाल समाज अपने पालक के रूप मे मान्यता प्रदान करता है व साफ लफ्ज़ मे कहते हैं कि इतना सहज सरल व्यक्तित्व है कि किसी को इनसे भय नही लगता और सभी अपनी बात सहजता सरलता से कह लेते हैं और आप सभी के सहयोग मे सामर्थ्य के अनुसार खड़े हो जाते हैं।

समाजसेवा के विभिन्न पहलू :

गर्मी के दिन मे प्यास से लोग ना तड़पे इसके लिए प्याऊ चलवाना। स्थान विशेष पर वाटर कूलर लगवाना। एवं पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था छत आदि पर करना तथा लोगों से अपील करना कि पानी बचाओ और पानी पिलाओ जिससे जीव प्यास से ना तड़पे और प्यास बुझाकर पुण्य कर्म करें।

ठंड के दिनों मे जब शीत लहर तेज हो जाती है और हफ्तों सूर्य नही दर्शन देते तब गरीब वर्ग को तापने के लिए अलाव की व्यवस्था करवाने मे भी आगे रहते हैं। वह व्यक्तिगत व्यवस्था करने से हो या प्रशासन से मांग कर करवाना हो हर तरह का प्रयास करना जानते हैं। इसलिए गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार इनके नाम से सीधा परिचित है और सभी अत्यंत स्नेह प्रेम करते हैं।

कंबल वितरण एवं गर्म कपड़े गरीब वर्ग मे देने के मामले मे भी आगे रहते हैं। गरीब वर्ग को एजुकेशन के लिए जागरूक करते हैं कि सभी पढ़े लिखे जिससे भविष्य शानदार हो। सभी सुख से शानदार जिंदगी जिएं। 

गोवंश की सेवा और अच्छी नस्ल के लिए प्रयास :

गोवंश की सेवा करने के लिए गोशाला चलाते हैं। जहाँ अच्छी नश्ल की गाय अब दूध भी दे रही हैं और गोवंश की सेवा और उपयोगिता पर समाज से बातचीत भी करते रहते हैं। इस तरह इनकी समाजसेवा के अनगिनत कार्य हैं जो उंगलियों मे नही गिने जा सकते। श्री गुप्ता का मानना है कि अच्छी नस्ल की गाय उपयोगी हैं और उनको हर कोई पालना चाहता है। इसलिए नस्ल अच्छी हो इसके लिए प्रयास कर रहे हैं जैसे गिरी गाय और साहीवाल गाय की मांग हर कोई करता है जो बहुत दुधारू होती हैं और गिरी गाय के दूध मे स्वर्ण भस्म पाया जाता है। इसलिए समाज को गो वंश की सेवा और समृद्धि पर जागरूक करते हैं चूंकि गोवंश से ही मानव जीवन स्वस्थ रह सकता है और अजर अमर हो रहेगा। गाय मनुष्य के जीवन की इसलिए देवी है इसलिए माँ कही जाती है।

इनकी अपनी राजनीतिक सोच :

रामबाबू गुप्ता कहते हैं कि राजनीति सेवा का माध्यम है और भाजपा जैसे संगठन मे काम करने से समाज के हर वर्ग और क्षेत्र मे काम करने का अवसर मिलता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा परिश्रम सफलता का उदाहरण है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसा सन्यासी जीवन , दोनो ही मेरे आदर्श हैं।

समाज के अंतिम पंक्ति मे खड़े व्यक्ति का विकास पंडित दीनदयाल उपाध्याय का कथन था और मैं उस समाज से आता हूँ जो वास्तव मे समाज की अंतिम पंक्ति मे खड़ा है। भोजवाल समाज का विकास कर समाज की मुख्यधारा मे लाने की कोशिश होनी चाहिए। और सत्ता एक ऐसी शक्ति है जो मुख्यधारा मे लाने के लिए तीव्र गति से काम कर सकती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि भोजवाल समाज के उत्थान के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।

ऐसे ही जो व्यक्ति गरीब है या परिस्थिति का शिकार होकर मजबूर है , जरूरतमंद है ऐसे लोगों की मदद करना है तो राजनीति के माध्यम से सरल ढंग से किया जा सकता है।

आप चुनाव क्यों लड़ना चाहेंगे ?

हमारे प्रत्येक महापुरूष का एक संदेश था कि राजनीति मे अच्छे लोगों को आना चाहिए। जिस तरह से समाज के लिए मेरा सेवा भाव रहा उससे समाज का एक बड़ा हिस्सा यह चाहता है कि मैं चुनाव लडूं और जीत कर सत्ता की शक्ति से सेवा करूं। विकास का इतिहास बने और राजनीति मे बदलाव आए।

चुनाव लड़ना मेरी व्यक्तिगत चाह नही है बल्कि जो मुझे मानते हैं उन सबकी गहरी इच्छा है कि नगर का निवासी हूँ तो शुरूआत यहीं से होनी चाहिए। जिस दल का जिला मंत्री हूँ उस दल की इच्छा शामिल हो जाएगी तो चुनाव लड़कर एक बड़ी जीत का इतिहास बनेगा और विकास का भी इतिहास रचा जाएगा।

जनसंख्या नियंत्रण पर इनके विचार :

बेशक जनसंख्या नियंत्रण के लिए अब जनता भी कहने लगी है। जनता चाहती है कि एक समान कानून बने और जनसंख्या नियंत्रण हो जिससे साधन – संसाधन का संतुलन स्थापित होगा और सभी को एक समान अवसर मिलेंगे। रोजगार होगा और जीवन स्तर उच्च होगा।

चीन जैसे देश मे एक समय पर जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाया गया। विश्व के सभी विकसित देशों मे भारत की अपेक्षा बहुत कम जनसंख्या है। हमारे देश मे भी लगातार छोटा परिवार सुखी परिवार कहकर जागरूक करने का प्रयास किया गया। लेकिन यह एक समान भाव से सबके अमल मे नही आ रहा है। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून सबसे बड़ी आवश्यकता है।

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