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राजनीति मे भक्तिकाल चल रहा है। जिसे शुभ संकेत ही कहा जाएगा क्योंकि भक्त किसी भी दुष्ट प्रवत्ति के आदमी से अच्छा होता है अगर नेता भक्त प्रवृत्ति का हो तो जन कल्याण के लिए कुछ निश्चित रूप से करेगा। क्योंकि वह अपने भगवान से नजर जरूर मिलाएगा तो उसकी आत्मा उससे सवाल करेगी।

एक ऐसे ही युवा नेता अजीत गुप्ता बुन्देलखण्ड की पृष्ठभूमि से आते हैं। जिनके बारे मे अंदर की बात बहुत पहले पता चल चुकी है कि घर मे मंदिर है और उस मंदिर मे हर रोज पंडित जी विधि विधान से घंटो पूजा करते हैं और वहां की ऊर्जा अत्यधिक प्रभावित करती है।

जब वे बांके बिहारी दर्शन करने गए तो वह किस्सा मन मे दोहरा गया। अजीत गुप्ता पिछले दिनों बांके बिहारी वृंदावन धाम गए थे जहाँ बांके बिहारी के दर्शन कर जनकल्याण की कामना की तो याद आया कि घर मे भगवान का घर है जहां लड्डू गोपाला की ऐसी पूजा प्रार्थना होती है कि उस घर मे अद्भुत ऊर्जा महसूस होती है।

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हर व्यक्ति की कुछ बनने की इच्छा होती है और कुछ करने की तो बांके बिहारी के भक्त अजीत गुप्ता की गहरी इच्छा है कि वह राजनेता बनकर वास्तव मे जनसेवा को साकार करें। संभवतः उन्होंने दर्शन कर यही अभिलाषा की हो क्योंकि विगत अनेक पंचवर्षीय चुनावी काल मे वह भाजपा मे टिकट मांगते रहे हैं और अजीत गुप्ता की आंतरिक इच्छाशक्ति प्रबल है कि राजनीति मे अच्छे लोगों को होना चाहिए जो अच्छी राजनीति कर देश और समाज के उत्थान के भागीरथी बनें।

दर्शन और यात्रा के बीच विशेषज्ञों का यह आकलन है कि भगवान से जब जनकल्याण के लिए प्रार्थना की जाती है तो वह प्रसन्न होते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार अजीत गुप्ता की उम्मीदें पूरी होती हैं या नही !

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