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By :- Saurabh Dwivedi

पर्यावरण लीडरशिप का समाज से विलुप्त रहना समाज के लिए घातक है। जिस प्रकार से मनुष्य को प्राकृतिक आपदा का शिकार होना पड़ रहा है। उससे समय के साथ जागरूक होने की जरूरत है। समाज को संस्थागत प्रयास करना चाहिए। हम मनुष्य विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाते हैं और जन्मदिन भी मानते हैं। हमारा प्रयास संस्था का विचार है कि बच्चों के जन्म के समय या फिर प्रथम जन्मोत्सव पर एक या उससे अधिक वृक्षारोपण किया जा सकता है।

संस्था के संरक्षक अशोक दुबे समाजसेवा के क्षेत्र में मानव कल्याण हेतु काम करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने मंशा जताई कि पर्यावरण के क्षेत्र में घर – घर को जिम्मेदारी निभानी चाहिए। इसी उद्देश्य के साथ संस्था के निदेशक आम लोगों से चर्चा – परिचर्चा करते रहते हैं।

इस चर्चा का परिणाम यही रहा कि सन् 2018 में आदर्श विद्या ज्ञान मंदिर में चितवन का वृक्ष लगाने के साथ ही यात्रा आगे बढ़ी तो कुछ एक लोगों ने अपने जन्मदिन पर वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया। इसी संदर्भ में जनपद चित्रकूट के व्यवसायी श्याम जायसवाल को प्रेरणा मिली कि बेटी सान्वी जायसवाल के प्रथम जन्मोत्सव पर वृक्षारोपण कर समाज को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाए।

क्रांति का आगाज ऐसे ही शुरू होता है। वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग से प्रभावित पृथ्वी को बचाने के लिए मनुष्य की सद्बुद्धि काम आएगी। जिसमें प्रकृति मित्र सान्वी जायसवाल का नाम चित्रकूट से अवश्य जाना जाएगा। सान्वी जायसवाल के माता-पिता जैसे अभिभावक बच्चों को जीवन से जुड़े संस्कार प्रदान कर अच्छे समाज का निर्माण करते हैं।

संस्था के अध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि यह अभियान गांव – गांव तक लेकर जाया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ आम आदमी की मूल समस्याओं पर भी चर्चा की जाएगी व जागरूक किया जाएगा। संस्था के सक्रिय सदस्य अनूप त्रिपाठी ने कहा कि समाज बहुत सी मानसिक समस्याओं से ग्रस्त है। जिन पर मनोवैज्ञानिक चर्चा के माध्यम से काम किया जा सकता है। मनुष्य की सुप्त चेतना जाग जाए तो यकीनन प्रकृति ही जीवन प्रदान करती है। अतः मनुष्य को अनवरत प्रकृति पर्व मनाने की जरूरत है और इस प्रकार के प्रयास से ही प्राकृतिक आपदाओं से बचा जा सकता है।

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