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By – Saurabh Dwivedi

एक जिंदगी जब जिंदगी के लिए करती है तो जिंदगी खूबसूरत – सुखमय हो जाती है। मन को खुशी मिल जाती है। मेरे साथ युवा उम्दा चित्रकार विनय साहू हैं , जिन्हें एक ऐसी बीमारी हुई कि उसके इलाज हेतु स्वयं खर्च वहन नहीं कर सकते। ये सच है कि विनय ने जाने कितनी हस्तियों के चित्र उकेरे हैं और लोगों के चेहरे पर मुस्कान का गवाह स्वयं रहा हूँ। विनय के लिए उतने ही हाथ तन – मन और धन से बढ़ जाते तो कुछ भी मुश्किल नहीं था।

विनय की बीमारी के बारे में abhimanyu bhai ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से सभी को अवगत कराया था। जिससे हमारा प्रयास संस्था के संरक्षक ( वरिष्ठ समाजसेवी ) Ashok Dubey भैया ने मदद के हाथ आगे बढ़ा दिए।

दूरियां देह की हुआ करती हैं
मन से हम समीप हुआ करते हैं।

ऐसे ही कुछ हाल अशोक भैया के हैं। वे रहते पुणे में पर मन की आवाज मन से सुनकर संकटमोचक की तरह सुन कर मदद के भाव से प्रकट हो जाते हैं। वे सामर्थ्य के अनुसार शिक्षा के लिए , गरीबों के इलाज के लिए मदद करते रहे हैं। इस बार फिर चित्रकूट के युवा चित्रकार विनय साहू के इलाज के लिए 15,000₹ की मदद कर एक जिंदगी को कृतार्थ किया है।

ये सच है कि इलाज के लिए अभी लगभग 55, 000 ₹ की सख्त आवश्यकता है। विनय चित्रकूट इंटर कॉलेज में संविदा कर्मी हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत नाजुक है। वे स्वयं होने वाली आय से अपनी माँ के इलाज के लिए लगातार धन खर्च करते रहे हैं।

विनय बताते हैं कि अपने इलाज हेतु राष्ट्रपति स्व. अब्दुल कलाम के समय से पत्राचार कर रहे हैं , पर कोई सरकार उनकी नहीं सुन सकी। इस बार तनिक सा लाभ इतना मिला था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा धन जारी किया , जो पीजीआई में ही प्रयोग होता है। यदि तनिक भी दवा बाहर से लेनी है तो अलग से धन चाहिए। वह भी आपरेशन का पूरा खर्च नहीं है।

सनद रहे कि विनय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित तमाम शख्सियत की तस्वीर बनाकर भेट की है। सिर्फ इतना ही नहीं केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को चित्र भेट किया और मंत्री महोदया ने पचीस हजार ₹ की मदद करने की घोषणा की , यह खबर भी अखबार की शोभा बढ़ा दी। तत्पश्चात मंत्री महोदया संभव है कि व्यस्त हो गईं व भूल गईं। कोई अता – पता नहीं , कोई जवाब नहीं और आशाओं से बंधा विनय इलाज हेतु छटपटाता है। उसे अपनी माँ की भी चिंता रहती है। चूंकि सिर्फ माँ है।

जनपद चित्रकूट के स्थानीय अफसरों के स्केच भी विनय ने बनाए। मदद के लिए सिर्फ जिलाधिकारी चित्रकूट आगे आए। यहीं से इलाज की थोड़ा बहुत संभावना हुई। जिसे बल अशोक भैया ने प्रदान किया। विशेष रूप से अशोक भैया का नाम लेने की वजह यही है कि मैंने लगातार देखा कैसे वे तमाम जिंदगियों में खुशियों के इंद्रधनुषी रंग भरते रहे हैं।

जिंदगी पर बदली नहीं छाने पाती
वजह यही कि जमीं पर अशोक हैं।

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