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By – Saurabh Dwivedi

जनपद में सड़क दुर्घटना आम रूप लेती जा रही है। बेशक परिवहन पुलिस अधिकारी तमाम तमगे से लैश होते जाएं व बिना हेलमेट तथा सड़क नियम के उल्लंघन पर चालान काटें तथा डाकिया द्वारा चालान भेजने की शुरुआत करें। किन्तु हकीकत यह है कि भारी वाहन के सही चलन – चालन ना होने से आम आदमी से लेकर खास आदमी तक अपनी जान गवां बैठते हैं।

प्रदेश कार्य समिति सदस्य भाजयुमो व समाजसेवी सचिन अवस्थी जब बांदा की ओर निकल रहे थे। तभी सड़क दुर्घटना से जख्मी हालत में पुलिसकर्मी पर नजर पड़ी। उनकी मदद के लिए कोई भी आसपास नहीं था। ठीक समय पर उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचाया व मानवता की रक्षा की।

गौरतलब है कि जनपद में तेज रफ्तार से चलते भारी वाहनों से दर्जनों मौत का रिकार्ड महीने दो महीने में कायम हो जाता है। अनेक बार नो एंट्री की व्यवस्था की गई। किन्तु दिन और सांझ ढलते भी भारी वाहन शहर के अंदर प्रवेश करते हैं। परिणामस्वरूप आम आदमी अनेकों बार चपेट में आ जाते हैं।

इस चपेट में पुलिसकर्मी के आने से परिवहन पुलिस के लिए चिंता का विषय अवश्य बन गया है। झांसी निवासी एवं पुलिस लाइन कर्वी चित्रकूट में तैनात पुलिसकर्मी की घायल अवस्था में युवा नेता ने मदद अवश्य कर दी पर भविष्य के लिए सजग होने को समय आगाह कर रहा है।

प्रदेश कार्य समिति सदस्य के सहयोगी आदेश शुक्ला ने बताया कि यदि समय पर जिला अस्पताल नहीं पहुंचते तो पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ जाती। मौके पर मदद होने से राजनीति और मानवता की जुगलबंदी एक साथ सामने आई है। सत्य है यदि नेताओं के अंदर ऐसी समाजसेवा की भावना जीवंत रहे तो बेशक वर्तमान राजनीति पर जनता का विश्वास बना रहेगा।

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