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@Saurabh Dwivedi

तीन कृषि कानून और किसान आंदोलन को लेकर चर्चा मे आए सांसद वरूण गांधी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी उस दौर मे लिखी गई है जिसमे पार्टी लाइन से अलग हटकर बात करना संगीन अपराध माना जाता है। किन्तु सांसद वरूण गांधी की यही विशेषता रही है कि वह गरीब और किसान हित मे बेबाक बात करते रहे हैं। उनकी चिट्ठी इस ओर बड़ा संकेत है।

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लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर भी सांसद गांधी ने स्पष्ट बयान दिया था। साथ ही केन्द्र सरकार से कृषि कानून और किसानों के हित मे निर्णय लेने की बात कही थी। लखीमपुर खीरी की घटना के लगभग डेढ महीने बाद ही पीएम का 19 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन आया , जिसमे उन्होंने कहा कि किसानों के हित मे कृषि कानून लाए थे और अब देश हित मे कृषि कानून वापस ले रहा हूँ। जिसके कयास उनके समर्थक अपने अनुसार लगा रहे हैं।

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इधर सांसद वरूण गांधी ने एक केन्द्रीय मंत्री पर कार्रवाई की मांग कर दी है। उन्होंने अपनी चिट्ठी मे लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए सही तरीके से जांच की मांग की है। और लिखा है कि एक केन्द्रीय मंत्री की संदिग्ध संलिप्तता है और उनके बेटे की भी। अतः केन्द्रीय मंत्री पर ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे किसानों को न्याय मिल सके। अब कृषि कानून वापस होने की घोषणा के बाद यह मांग अत्यधिक ठोस हो चुकी है।

वरूण गांधी ने किसान आंदोलन मे जान गंवा चुके किसानों के परिजनों को एक – एक करोड़ मुआवजा देने की बात भी की है। यह सच है कि कृषि कानून वापसी के बाद उन किसान परिवारों का मुआवजे पर हक हो गया है। बड़ी बात है कि इस मुद्दे को भी उठाने वाला भाजपा का ही सांसद है। वहीं कांग्रेस के नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेता पाकिस्तान का राग अलापने लगे। जबकि बात अभी सिर्फ किसानों की होनी चाहिए।

सांसद वरूण गांधी ने किसानों को एमएसपी की गारंटी पर भी बात रखी है। उन्होंने चिट्ठी मे लिखा कि कृषि लागत मूल्य आयोग के नियमानुसार C2+50% के तहत किसानों को फसल पर गारंटीड एमएसपी दी जाए। जिससे किसानों की फसल लागत और मुनाफा तय हो सकेगा। हमारे देश मे 85% से ज्यादा छोटे , लघु और सीमांत किसान हैं। इस पर कानून बनने से सभी किसानों को लाभ होगा।

उनकी चिट्ठी मे सबसे बड़ी बात यह थी कि लोकतंत्र संविधान , संवाद और संवेदनशीलता से चलता है। उन्होंने प्रधानमंत्री को इसकी दुहाई देते हुए न्यायिक कदम उठाने की बात रखी और कहा कि इससे आपका देश की जनता के हृदय मे मान – सम्मान बढ़ेगा।

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