By :- Saurabh Dwivedi
बड़े गर्व की तस्वीर है। यह गर्व इसलिए होना चाहिए कि कोरोना योद्धा उत्तर प्रदेश से हैं। चित्रकूट से हैं , कौशांबी से हैं और बनारस जनपद क्षेत्र से हैं। उत्तर भारतीय हैं और उत्तर भारतीय प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं। स्टेशन पहुंचकर आर्थिक मदद व राशन सामग्री की मदद इनके द्वारा लगातार की जा रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार के सारथी कोरोना योद्धा होने की मिशाल पेश कर रहे हैं।
एक चर्चित नाम अशोक दुबे का है। आप चित्रकूट जनपद के राजापुर नगर के निवासी हैं और महाराष्ट्र के पुणे में व्यापार करते हैं। बचपन मे इन्होंने भी पलायन किया था। लेकिन मेहनत और सच्ची नियत से बड़े उद्योगपति की श्रेणी मे आने लगे। सबसे प्रमुख बात यह है कि इन्होंने गरीबों की मदद हमेशा की , जरूरतमंद तक पहुंचकर सेवा देते रहे।
कोरोना वायरस की चपेट में गांव भी आ चुके हैं। प्रवासी मजदूर गांव की ओर आ रहे हैं। लेकिन इससे पहले अपनी क्षमता के अनुसार व पहुंच के आधार पर इन्होंने अनेक मजदूर व अन्य जरूरतमंद की खूब मदद की फिर सरकारी – सामाजिक उदासीनता , अफवाह आदि के चलते मजदूर घर वापसी करने लगे।
जो मजदूर ट्रेन द्वारा आ रहे हैं। उनको इनके संगी साथियों द्वारा मदद प्रदान की जा रही है। इनके समाजसेवी साथी कुली का भी काम कर रहे हैं। स्वयं सुरेश तिवारी ने हाथ गाड़ी चलाने लगे। ऐसी तस्वीर जीवन ऊर्जा का स्रोत बन जाती है। मानवता की बड़ी परिचायक है।
कोरोना को ऐसे ही समाजसेवियों के द्वारा हराया जा सकता है। एकजुटता की मिशाल पेश कर सबको आत्मबल प्रदान करना होगा। कोई जिंदगी से हार ना माने और हम सब मिलकर जिंदगी की जंग जीत सकें , ऐसे ही जिंदगी की जंग की विजय श्री मे अशोक शुक्ल , अरूण तिवारी , राजू भाई , ओझा जी , मनोज तिवारी और अरूण शास्त्री जैसे कोरोना योद्धा सही के हीरो की तरह भूमिका निभा रहे हैं।
यह संसार की पिक्चर है। हकीकत की पिक्चर है। जिसमें खलनायक कोरोना को हराने के लिए अशोक दुबं एंड फ्रेंड्स रियल एक्टर की तरह काम कर रहे हैं। ऐसी मानवीय तस्वीरें किसी मूवी मे फिलहाल नहीं दिखेंगी लेकिन हकीकत की दुनिया में हकीकत की यह तस्वीर बड़ा आनंद प्रदान करने वाली है।
ऐसे मानवीय इंसानों से एक मानवीय समाज का निर्माण होता है। इस वक्त सभी को इस तरह के सामाजिक काम करने चाहिए और उदार हृदय से प्रत्येक क्षेत्र मे मंदिर मे दान की तरह दान करना चाहिए , जिससे परमात्मा को भी सुख मिलेगा कि हाँ जरूरत पड़ने पर सभी एक-दूसरे के साथ खड़े हैं। स्वामी विवेकानंद सहित प्रत्येक महापुरुष ने मानव सेवा को ईश्वर सेवा कहा था।
समाज को अपने रियल हीरोज को पहचान लेना चाहिए। इस तस्वीर में सोशल रियल हीरो नजर आ रहे हैं , जिनके लिए सर नमन करने के वास्ते स्वयं झुक जाए।
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(Saurabh chandra Dwivedi
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karwi Chitrakoot )