@Saurabh Dwivedi
रील मे रियल नजर आएंगे रियल लाइफ के रियल हीरो प्रांजल शुक्ला.
जीवन एक कला है। इस बात से सभी भलीभांति परिचित हैं। लेकिन जिंदगी को कला की भांति जीना सभी को नहीं आता और कोई – कोई ही कला जगता में जिंदगी को स्थापित कर पाता है , इन दिनों आभासी दुनिया मे एक ऐसे युवा से मुलाकात हुई जो कला जगत मे स्वयं को स्थापित करने के लिए उत्साहित नजर आया। लेकिन आपदा के समय उसका जीवन क्यों एक बड़ा उदाहरण बन हर किसी के लिए खास हो जाता है यह सभी को जानना चाहिए और जीवन मे उतारने की आवश्यकता है।
यह सच प्रतीत होता है कि प्रांजल शुक्ला आज जितना बड़ा नाम है उससे बड़ा उसका कर्म है। कला जगत मे काम करने के साथ जीवन के धरातल मे काम करना बड़ी बात होती है , वह भी संघर्ष के दिनों में मदद की पुकार लगाना सहज ही स्वयं की ओर आकर्षित करता है। मैंने जब प्रांजल का एक वीडियो उनकी फेसबुक वाल पर देखा तो उन्होंने मन मोह लिया। ऐसे बहुत कम युवा मिलते हैं जो मानवता की कल्पना को सचमुच धरातल पर साकार कर रहे होते हैं उनमे से एक युवा कलाकार कहे जा सकते हैं।
वायरस के खिलाफ जंग मे प्रांजल अपने सहयोगी कलाकार युवाओं के साथ जरूरतमंद को मदद करने की बड़ी पहल करते नजर आए। इधर कुछ समय पश्चात ज्ञात हुआ कि बिग मैजिक चैनल पर शीघ्र प्रसारित होने वाला परमावतार श्रीकृष्णा में प्रांजल मुख्य भूमिका मे नजर आएंगे। अब इससे बड़ी भूमिका क्या हो सकती है ? जो श्रीकृष्ण की भूमिका का निर्वहन कम उम्र मे ही करने का अवसर मिल जाए। वास्तव मे इस कालखंड मे श्रीकृष्ण जैसे परमावतार के जीवन पथ प्रदर्शन मे चलने की आवश्यकता है। उनकी लीला और जीवन दर्शन ही मनुष्यों मे पुनः उत्साह का संचार कर सकता है।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से प्रांजल का जमीनी रिश्ता है। आप यहीं के निवासी हैं और इन दिनों कला की दुनिया मुंबई मे रह रहे हैं। यह सच है कि आपको जैसी सफलता चाहिए वैसी दुनिया मे निवास करना पहली शर्त है। यह आवश्यकता और हकीकत दोनो है। प्रांजल की तस्वीरों को देखकर कहा जा सकता है कि कला के गर्भ मे एक युवा अभी पल – बढ़ रहा है जो एक दिन कला जगत का बिग बॉस बनने की उम्मीद हम सभी को बंधा देता है।
उनका गौर वर्ण और आकर्षक वाणी के साथ स्टाइल संभावनाओं के अपार द्वार खोलता महसूस कराता है। सबसे बड़ी ताकत उनके सपने प्रतीत होते हैं और उनकी बड़ी सोच यह बताने के लिए पर्याप्त है जैसा वे स्वयं के बारे मे सोचते हैं एक दिन सबकुछ वैसा ही साकार करेंगे। चूंकि जब हम मन कल्पनाएं आलोकित करते हैं तब बाहरी दुनिया मे सफलता बनकर हकीकत बन जाती हैं।
प्रांजल 2050 का लक्ष्य तय किए हैं। उन्होंने अपनी एक पोस्ट पर इस बात का जिक्र किया कि इस लक्ष्य वर्ष तक वह ब्रह्मांड की सैर करेंगे। एक युवा मन – मस्तिष्क में इतना बड़ा लक्ष्य तय होना भी कला जगत मे एक लंबी पारी खेलने की उम्मीद सभी को बंधा देती है।
युवाओं को प्रांजल शुक्ला जैसे युवा से सीखना चाहिए। चूंकि अनेक बार कुछ युवा कला जगत मे कदम रखकर वापस भी हुए हैं तो वहीं कुछ युवा काम ना मिलने की बात भी कहते नजर आते हैं। किन्तु सफलता और असफलता के बीच सिर्फ एक लाइन का अंतर होता है। दो लाइनें सफलता और असफलता की होती हैं जिनमे आप अपनी तकदीर खुद लिख सकते हैं , सफलता – असफलता।
इन दिनों परमावतार श्रीकृष्णा की शूटिंग मे प्रांजल व्यस्त हैं और वे खूब लुत्फ उठाते भी नजर आ रहे हैं। यह सचमुच आध्यात्मिक भूमिका जो अदाकार को आध्यात्मिक चेतना से परिपूर्ण कर देती है। प्रांजल ऐसे ही आध्यात्मिक स्वरूप मे दिख रहे हैं। हमे आशा है कि वह अपनी अदाकारी से सभी का मन अवश्य मोह लेंगे। जैसे अभी वे वास्तविक जीवन में मदद की अदाकारी कर एक समाज का जिम्मेदार युवा होने की असल अदाकारी कर रहे हैं वैसे ही रील मे रियल नजर आएंगे प्रांजल। ऐसे ही युवा वर्तमान भारत के रियल हीरो हैं। इससे स्पष्ट झलकता है कि भविष्य का बॉलीवुड प्रांजल जैसे युवाओं का बदलता बॉलीवुड होगा।