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@Saurabh Dwivedi

सेवा का भाव मन मे आ जाए तो क्या नहीं हो सकता इसका बड़ा उदाहरण मध्यप्रदेश का मुरैना बन रहा है। जिस गाय के मुद्दे को लेकर पक्ष – विपक्ष हंगामा काटते हैं उसी गौ की सेवा आम जन द्वारा लगातार होने लगे तो हिन्दुस्तानी संस्कृति स्वयं नजर आने लगती है।

करीब एक साल पहले बांके बिहारी मंदिर मे बालकृष्ण शर्मा से मुलाकात हुई थी। उन्होंने बताया था कि हम लगातार सहयोग द्वारा गो वंश की सेवा कर रहे हैं। यह सुनने मे जितना सुखद लगता है उतना ही सुखद सेवा की तस्वीरें देखकर लगता है।

ॐ हनुमन्ते नमः

समाज द्वारा संगठित होकर दान स्वरूप ऐसी सेवा आज के दौर मे अविश्वसनीय लगती है परंतु मुरैना वासियों ने ऐसा कर दिखाया है। व्यापारी छोटा हो या बड़ा सभी सामर्थ्य के अनुसार आर्थिक सहयोग कर रहे हैं , सप्ताह मे दान करते हैं। इस दान की राशि से हरा चारा खरीदा जाता है। ट्रैक्टर हो या टू व्हीलर किसी भी साधन से गो वंश तक गो सेवक पहुंचते हैं और चारा खिलाकर सेवा करते हैं।

यह वही देश है जहाँ गो रक्षकों को कानून हाथ मे ना लेने की बात स्वयं प्रधानमंत्री कह चुके हैं परंतु रक्षक और सेवक के मध्य इतना सा ही अंतर है जैसा कि मुरैना वासी कर रहे हैं। वह भूखी गायों का पेट भरने का काम करते हैं यही सेवा ही असली रक्षा है।

गो तस्करी को लेकर राजनीतिक चेतना जागृत हुई तो कुछ कानून बने व प्रतिबंध लग सका। किन्तु इसके बाद गो वंश अन्ना पशु के रूप मे दिखने लगा। शासन द्वारा लगातार संरक्षण और संवर्धन की बात कही जा रही है लेकिन प्रशासन द्वारा जमीन पर ऐसा बामुश्किल ही किया गया। हालांकि मध्यप्रदेश से गोशाला / कान्हा गोशाला की अच्छी तस्वीरें दिखती हैं। किन्तु उत्तर प्रदेश हो या मध्यप्रदेश सभी जगह शासन – प्रशासन की वजह से गाय कभी ट्रक के नीचे कट रही है तो कभी भूख से मर रही है।

गोसेवक

इसलिए यह विषय समाज का है। जिस समाज ने ठान लिया है वह गाय की सेवा लगातार कर रहा है। कोरोना काल के अब तक के समय मे लगातार सेवा कार्य देखा जा रहा है। इसे मनुष्य की ताकत कहें या परमात्मा की इच्छा जो यह सेवा कार्य अखंड यज्ञ की भांति संचालित हो रहा है।

व्हाट्सएप पर मुरैना गो ग्रास समूह है। जिसमे दान करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम व धनराशि बताई जाती है। मेरा परिचय बालकृष्ण शर्मा मात्र से है किन्तु इस समूह मे गोवंश की सेवा करने वाले अनगिनत नाम हैं। ऐसा दान महादान है और ऐसे दान से गाय को जीवन मिल रहा है। सबसे मुख्य बात सेवा का समर्पण है। मुरैना गोवंश की यह सेवा का अनुकरण समस्त हिन्दू समाज को करना चाहिए तो सचमुच समस्या का अंत समाज ही कर देगा।

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