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भारतीय जनता पार्टी ने संगठन मे बड़ा फेरबदल कर दिया है। विनिंग संगठन मंत्री के रूप मे ख्याति अर्जित कर चुके सुनील बंसल को राष्ट्रीय महामंत्री बनाकर 2024 मे बड़े लक्ष्य साधने की जिम्मेदारी सौंप दी है। वहीं उत्तर प्रदेश मे बीजेपी ने अपना सबसे बड़ा लक्ष्य साधने के लिए ने संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह को जिम्मेदारी सौंप दी।

भाजपा की यही रीति-नीति अन्य दलों से उसे अलग बनाती है। समय-समय पर संगठन मे बड़ा बदलाव करती है और प्रयोग करने मे हिचकिचाती नही है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य मे झारखंड के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को उत्तर प्रदेश मे यही जिम्मेदारी देने से साफ संकेत मिलते हैं कि भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता कुंदन है जो तपकर आता है।

ऐसे ही कुंदन धर्मपाल सिंह हैं जो 1984 मे पहली बार एबीवीपी मे शामिल हुए और कार्य इतनी लगन से किया कि मात्र 6 वर्ष मे पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन 1991 मे ही राष्ट्र को स्व. जीवन समर्पित कर दिए थे। उसके बाद उत्तर प्रदेश मे पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे एबीवीपी के पश्चिम क्षेत्र के संगठन मंत्री रहे उसके बाद उत्तर प्रदेश मे प्रांत संगठन मंत्री रहे। बाद मे वह संघ और फिर भाजपा मे सक्रिय हुए।

महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष चित्रकूट दिव्या त्रिपाठी ने भाजपा के नवीन संगठन महामंत्री के मनोनयन पर हमसे बातचीत करते हुए उनका वंदन अभिनंदन किया। जानकारी के मुताबिक एक खास बात का वर्णन उन्होनें किया जैसा कि सुनने मे आया है कि वह सरकारी नौकरी छोड़कर एबीवीपी के कार्यकर्ता बने थे तो यह तय हो जाता है कि उन्होंने राष्ट्रहित के लिए बड़ा निर्णय लिया था जो उनके त्याग और राष्ट्र के प्रति समर्पण का बड़ा उदाहरण है।

भाजपा ने हाल ही मे चित्रकूट मे प्रदेश प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया था जिसमे 75 + और सूत्रों की मानें तो 80 सीट जीतने का लक्ष्य रखा गया। इतने बड़े लक्ष्य को साधने के लिए उत्तर प्रदेश मे संगठन मंत्री के जरिए यूपी के सैनी समाज को एकमुश्त जोड़ने का बड़ा प्रयास है जबकि सैनी समाज बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है। संघ सूत्रों की माने तो सुनील बंसल की तरह धर्मपाल सिंह भी माइक्रोमैनेजमेंट के लिए जाने जाते हैं , उनकी तरह ही मिलनसार और सूक्ष्म दृष्टि रखने वाले व्यक्तित्व हैं।

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