By :- Saurabh Dwivedi
नवागंतुक जिलाधिकारी के चित्रकूट आगमन पर सत्ता पक्ष के नेता , कार्यकर्ता व कुछ सामाजिक कार्यकर्ता के स्वागत सत्कार से लद गए। जनपद में प्रथम आगमन पर प्रथम दिन अतिथि देवो भव की तरह होता भी है। अतः स्वागत सत्कार होना परंपरागत रूप से अच्छी बात कही जाएगी। किन्तु इसी के साथ नेता व कार्यकर्ता और एक्टिविस्ट का कर्तव्य है कि जनपद की समस्याओं और भ्रष्टाचार से भी जिलाधिकारी को अवगत कराना चाहिए।
सोशल मीडिया में स्वागत सत्कार की तस्वीरें खूब चस्पा की गईं पर अफसोसजनक ये रहा कि किसी के भी द्वारा भ्रष्ट अधिकारी , कर्मचारी और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई होने से संबंधित आकांक्षा को बल प्रदान नहीं किया गया।
जबकि सत्य है कि जनपद में ऐसे घूसखोर , कमीशनखोर अधिकारी कर्मचारी भी बैठे हैं जो जनहित के तमाम कार्यों की फाइल को दबाए रहते हैं व जनता 48 डिग्री के तापमान में झुलसती हुई इनकी परिक्रमा कर कृपा प्राप्त करने हेतु हैरान परेशान सी रहती है।
नवागंतुक जिलाधिकारी से अपेक्षा रहेगी कि वह जनता के हित में अधिक से अधिक कार्य कर लोकप्रिय होने के अवसर को उठा ले जाएं। दलाल मानसिकता के लोगों से परहेज करना एक अधिकारी की बड़ी समझ होती है। चूंकि दलाल वह बिचौलिया है जो जनहित के कार्यों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है।
इनसे अपेक्षा रहेगी कि जन जन के जीवन को ध्यान में रखते हुए , अधिकारी का लचर रवैया पाए जाने पर फौरन कड़ी कार्रवाई करें। तत्पश्चात जनता की कर्णध्वनि से जिलाधिकारी का जो स्वागत सत्कार होगी , वही आजीवन जिलाधिकारी की आत्मा को सुख प्रदान करेगा।
जनहित की अंतर्दृष्टि से ऐसा ही महसूस करता हूँ कि जनपद के अंदर जिलाधिकारी का व्यापक प्रभाव होता है। वह खराब सिस्टम को एक आदेश से उत्तम अनुकरणीय बना सकते हैं। ऐसी ही आकांक्षा के साथ नवागंतुक जिलाधिकारी का शब्दपुष्पों के माध्यम से स्वागत की परंपरा को निभा रहा हूँ।