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मेरी मां ने कहा था एक दिन ऐसा आएगा जब तुम्हें देश के मा राष्ट्रपति मा प्रधानमंत्री सम्मान से बुलाएंगे तुम बांदा के किसी नेता के घर ना जाना अपने काम में लगे रहना मैं 36 वर्षों के सामाजिक जीवन में आज तक बांदा जिले के किसी मा मंत्री ,सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष ,नगर पालिका चेयरमैन, ब्लाक प्रमुख ,के घर नहीं गया ना ही किसी कार्य को कहा।

जब तक वह पद में रहा मां की बात मानकर मां ने कहा था अपनी साधना में लगे रहना साधन अपने आप आ जाएंगे तुम शारीरिक रूप से विकलांग हो तुम्हें मानसिक रूप से मजबूत बनना है सफलता का कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं होता संघर्ष से ही सफलता मिलती है।

शॉर्टकट सफलता अस्थाई होती है अपने कार्य के प्रति सच्ची लगन, निष्ठा ,ईमानदारी, समर्पण, रखोगे तो तुम अपने व्यक्तिगत जीवन में तथा सामाजिक जीवन में कामयाब हो जाओगे।

एक दिन में नहीं एक दिन जरुर कामयाबी मिलेगी मैंने पूछा आपने मुझे सत्ता के ताकतवर जनप्रतिनिधियों के घर जाने से रोका है मां ने कहा हो सकता है तुम्हें वे भी सम्मान करते हैं आदर भी देते हो लेकिन उन से बाहर भी मिल सकते हो , हो सकता है उनके घर जाओ उनके अगल-बगल के सिपह सलाहकार तुम्हें कुछ ऐसा कह कर बुलाए जिससे तुम्हारा मनोबल कमजोर हो इससे बचने के लिए मैं यह सलाह दे रही हूं।

किसी बड़े आदमी के घर ना जाना संतो शिक्षकों किसानों लेखक साहित्यकारों सामाजिक कार्यकर्ताओं कर्मचारियों नया कुछ प्रयोग करने वालों उत्साही जनों वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में रहना उनसे संवाद करना सीखना अपने सामाजिक कार्यक्रम में आमंत्रित करना जिससे भी रखना स्थाई मित्रता रखना समाज के सभी वर्गों के साथ दिल से दोस्ती रखना उनके सुख-दुख में खड़े रहना साथ ही केवल भगवान से मांगो वही सब कुछ सब कुछ देता है कई बार मुझे सोचना पड़ा और मैं नहीं गया।

मुझे बांदा के सभी सांसदों विधायक मंत्रियों जिला पंचायत अध्यक्ष सभी जनप्रतिनिधियों का भरपूर प्रेम मिला जहां कहीं मिले मुझे सम्मान दिया मां की बात के संकल्प को मैं पूरा कर सका मां का आशीर्वाद मुझे वह बैकुंठ से दे रही है आज उनका वचन पूरा हुआ उन्होंने सब कुछ दे दिया और जिन मित्रों के घर नहीं गया हूं वह मुझे माफ कर देंगे उसका उत्तर में आज दे रहा हूं कई मित्र संवैधानिक जनप्रतिनिधि नाराज भी हो गए थे उनके परिवारिक शादी विवाह रचनात्मक सामाजिक कार्यक्रमों में नहीं गया एक वचन मां को दिया था इसकी चर्चा मैं आपसे नहीं कर सकता था।

आज कर रहा हूं मुझ जैसे छोटे से व्यक्ति को आप जैसे बड़े लोगों ने कई बार आमंत्रित किया अपने पन के कारण आप सब संवैधानिक बड़े पद पर हैं , रहे हैं। मैं बहुत छोटा सा व्यक्ति रहा हूं और हूं मां की बात मानना इसलिए जरूरी है कि दुनिया माँ की दिखाई है मेरी माता जी ने कहा था मान अपमान निंदा सबका हाजमा मजबूत होना चाहिए जीवन में किसी की शिकायत ना करना सीमित और छोटे संसाधन में अपने जीवन का निर्माण निर्वाह करना नींद भी अच्छी आएगी जीवन में किसी की शिकायत ना करना नाही किसी की सिफारिश करना ना ही निंदा करना कभी जीवन में चुनाव ना लड़ना जो तुम्हारे साथ बुरा भी करें उसका भी भला सोचना मां से बड़ी मातृभूमि है , जन्मभूमि हैं अपनी सामर्थ्य के अनुसार सेवा करना छोटे छोटे प्रयोग बड़े परिणाम लाते हैं अभाव में रहना किसी के प्रभाव में नहीं राष्ट्रवादी रहना

अंतिम जन से जुड़े रहना मां का आशीर्वाद आप सबके सामने हैं जब देश के मा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रपति भवन में पूछा पांडे जी अच्छा काम कर रहे हैं इसी प्रकार राष्ट्र की सेवा करते रहिए। वर्षा जल संरक्षण वृक्षारोपण के लिए पूरे देश में जन जागरूकता अभियान चलाते रहिए। मा प्रधानमंत्री जी का आभार यह सब प्रातः स्मरणीय मेरी मां के आशीर्वाद तथा प्रातः स्मरणीय पूज्य संत गुरुदेव बाबा नीम करौरी महाराज की कृपा से हो रहा है।

मैं तो निमित्त मात्र हूं सामाजिक व रचनात्मक कार्य सब के सहयोग से संपन्न होते हैं अकेले व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता यह मैं जानता हूं इस सामाजिक रचनात्मक लंबी यात्रा में जिस किसी व्यक्ति ने प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोग किया है किसी भी प्रकार से उन सब का ऋणी हूं जाने अनजाने में गलती हो गई हो माफ कर देंगे क्षमा कर देंगे ऐसी मेरी प्रार्थना है वंदे मातरम हो सकता है महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा मुझे ,समाज सेवा की श्रेणी, का भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक ,पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया है की मर्यादा में जाना पड़े लेकिन मां के आदेश का भी पालन करता रहूंगा ऐसी प्रभु से प्रार्थना करता हूं

( यह लेख पद्म श्री उमाशंकर पाण्डेय जी की फेसबुक वाल से लिया गया है )

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