By – Saurabh Dwivedi
अटल के लिए मृत्यु के बाद इससे बड़ा सम्मान क्या हो सकता है ? , कि भारत सरकार अटल सम्मान घोषित करे। एक ऐसे नागरिक , मजदूर , अधिकारी , कर्मचारी , समाजसेवी और हर उस आम आदमी को जो जीवन पर्यंत ईमानदारी से सेवा करे।
उसे जो अटल शपथ ले सके कि जीवन पर्यंत ईमानदारी से राष्ट्र सेवा करेगा। प्रकृति और पर्यावरण के लिए तन्मयता से काम करे एवं शांति की स्थापना हेतु योगदान दे !
अटल जी की देह के ऊपर तिरंगा विराजमान है। यह देखते ही उनकी ईमानदारी एवं आदर्श के साथ महसूस हुआ कि तिरंगे में इतनी बड़ी ताकत है कि भारत की तस्वीर बदल सकता है।
हाँ मैं उस भारत की तस्वीर बदलने की बात कर रहा हूँ , जो भ्रष्टाचार , घूसखोरी और दलाली के लिए जाना जाता है। आम जनता इस संक्रामक रोग से ग्रसित हो चुकी है।
अपवाद स्वरूप शायद ही ऐसा कोई विभाग और अधिकारी हो , जहाँ सुविधा शुल्क ना देनी पड़ती हो। सम्पूर्ण तंत्र बेईमानी की अमीरी का तंत्र बन चुका है।
ऐसे में एक विचार आया कि क्यों ना भारत सरकार ऐसा संवैधानिक नियम बनाए कि आम आदमी , अधिकारी और देश के किसी भी क्षेत्र में काम करने वाला व्यक्ति अगर आजीवन ईमानदारी से काम करता है तो उसकी अंतिम यात्रा पर तिरंगे से सम्मान दिया जाएगा। एक मजदूर को भी यह सम्मान दिया जाए.
ऐसे तो बड़ा मुश्किल लगता है कि भारत से कभी भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है , जहाँ पीडब्ल्यूडी का एक चपरासी और नगर निगम का कर्मी करोड़ो की संपत्ति का मालिक हो जाता है।
किन्तु अगर सरकार आजीवन ईमानदारी से राष्ट्र हित हेतु कर्तव्य का निर्वहन करने वालों को सलामी एवं तिरंगे से सम्मान देने का निर्णय ले तो क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। इसके लिए निगरानी समिति एवं आजीवन क्रियाकलाप पर ध्यान देने की जरूरत होगी।
एक सम्पूर्ण व्यवस्था ऐसी बनाई जाए तो संभव है कि हमारे देश में ईमानदार आदमी को तो कम से कम संतुष्टि मिलेगी ही ऊपर से कुछ और लोग सलामी व तिरंगे के लिए राष्ट्र के प्रति ईमानदार जीवन जीने हेतु प्रोत्साहित होगें।
आखिर कुछ तो करना पड़ेगा ? तिरंगा एवं सलामी एक सबसे उत्तम युक्ति होगी कि ईमानदार रहने का भी आनंद महसूस हो। चूंकि वक्त ऐसा आ चुका है कि आदमी यह भी सोचने लगा है कि ईमानदार बनकर क्या करेंगे ? क्या हासिल होगा ? तो सचमुच राष्ट्र ध्वज से सम्मान ही आदमी को ईमानदार रहने हेतु बड़ा प्रोत्साहन होगा।
भारत सरकार इस सम्मान को ” अटल सम्मान ” नाम दे सकती है। यही अटल जी को लोगों के हृदय में जीवंत रखने एवं आदर्श के पथ पर चलने को प्रेरित करेगा।