SHARE
अफसोस है कि जनता अमेरिका की हो या भारत की अथवा किसी भी देश की लोकतंत्र मे वह धोखा खा रही है और मजबूरी मे चुनाव कर रही है जो आगे भी यूं ही चलेगा किन्तु जिनको भी चुनाव लड़ना है वे कमर कस लें जेब ढीली करने को और सोशल मीडिया की ताकत को समझ लें शीघ्र ही पंचायत चुनाव भी सोशल मीडिया से प्रभावित होंगे

वक्त बदलता है हीरो बदल जाता है। ट्रंप की विजय हुई किन्तु हीरो बनकर एलन मस्क आए हैं परंतु इसके खतरे बहुत ज्यादा हैं !

विश्व का सबसे दिलचस्प चुनाव अमेरिकन राष्ट्रपति का है जिस पे आम हो या खास सबकी नजर रहती है क्योंकि अमेरिका हर देश को हर तरह से प्रभावित करता है।

इस बार के अमेरिकी चुनाव मे जितना ज्यादा धन लुटाने की खबरें आ रही हैं उससे भविष्य मे चुनाव और मंहगे होंगे। चुनाव का मंहगा होना जन हित मे नही है और नया नेतृत्व नही जन्म लेगा !

बाजार और मुद्रा के अधीन पैदा हुए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कभी भी डायरेक्ट जनता का हित नही कर पाएगें , यही हाल सांसद और विधायक के हो रहे हैं कि करोड़ो ₹ उड़ाकर वे धन कमाने मे ही डट जाते हैं।

ट्विटर मे मस्क ने बड़े बदलाव किए उसने द्वारा खोला कि पैसा इनवेस्ट करो रीच पाओ और एक अनलिमिटेड पेज पर लिखो , साथ मे डालर मे कमाई का गेट ओपन किया जिससे बहुत से इंडियन यूजर को भी लाभ हुआ है लेकिन विश्वसनीयता खो चुका है क्योंकि रीच अब पैसे के बूते है !

नीतियों मे बदलाव करके एलन मस्क अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने मे कामयाब रहे किन्तु भारत जैसे देश मे स्पष्ट संदेश गया कि आने वाले समय मे चुनाव बहुत मंहगा होगा और धनाढ्य व्यक्ति ही चुनाव के दंगल मे पहलवानी करेगा तो कुलमिलाकर कहा जाएगा कि राजनीति अब पूरी तरह से एक व्यवसाय मे बदल चुकी है जो जनता के आनन्दमयी जीवन के लिए खतरनाक है।

अफसोस है कि जनता अमेरिका की हो या भारत की अथवा किसी भी देश की लोकतंत्र मे वह धोखा खा रही है और मजबूरी मे चुनाव कर रही है जो आगे भी यूं ही चलेगा किन्तु जिनको भी चुनाव लड़ना है वे कमर कस लें जेब ढीली करने को और सोशल मीडिया की ताकत को समझ लें शीघ्र ही पंचायत चुनाव भी सोशल मीडिया से प्रभावित होंगे

जनता से सिर्फ इतना कहना है कि लोकतंत्र मे अच्छी जिंदगी जीना है तो आज से अभी से अच्छे विचार वाले लोगों को अपना नेता बनाने के लिए सिर्फ एक एक रूपया दान देना शुरू कर दो और अब तक के सभी बड़े नेताओं को रिप्लेस कर अपने लिए अच्छे नेताओं की फसल तैयार करो तो बहुत कुछ अच्छा हो सकता है अन्यथा लोकतंत्र मे अमावस का अंधकार छा गया है , अमेरिकी चुनाव ने यह स्पष्ट कर दिया है।

image_printPrint
5.00 avg. rating (99% score) - 3 votes