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सोचिए अगर बारिश नही होगी तो क्या पुष्प होंगे ? और अगर पुष्प नही होंगे तो क्या खुशबु होगी ? नही होगी तो खुशनुमा माहौल के लिए खेत पर मेड और मेड पर पेड सिद्ध मंत्र है जिससे भूगर्भ जल संरक्षण होगा और जल स्तर बढ़ेगा तो आम आदमी खुशहाल जिंदगी जिएगा।

जल शक्ति मंत्रालय उत्तर प्रदेश द्वारा पद्म श्री उमाशंकर पाण्डेय के नेतृत्त्व मे भूगर्भ जल संरक्षण हेतु एक संदेश यात्रा निकाली गई है जिसे बांदा मे जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने हरी झंडी दिखाई है जो वृहस्पतिवार को चित्रकूट पहुंची।

चित्रकूट मे डीआरआई संगठन सचिव अभय महाजन ने इस यात्रा को हरी झंडी दिखाई इसके बाद यात्रा सेमरिया जगन्नाथवासी पहुंची , जहाँ गांव की पूर्व प्रधान व भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी ने अपने गांव के तालाब दिखाए।

विगत कुछ वर्ष की भांति इस वर्ष भी गर्मी के दिनों मे उन्होंने ग्रामीणों से निवेदन कर ट्यूबवेल के जरिए तीन तालाब मे जल भरवाया है जिससे पशु – पक्षियों और आम आदमी को सरलता से उपयोग हेतु जल मिल सके।

तालाब मे जल होने से भूगर्भ जल का स्तर भी बढ़ता है और बारिश के मौसम मे तालाब शीघ्र ही जल मग्न हो जाते हैं जिससे गांव के कुएं भी स्रोत पाकर भर जाते हैं।

दिव्या त्रिपाठी द्वारा किए गए काम की चर्चा सुनकर पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय सेमरिया जगन्नाथवासी गांव पहुंचे तो उन्हें जल से लबालब तालाब दिखे। जिन्हें देखकर वह अत्यंत प्रसन्न हुए और बोले कि यह एक महान कार्य है , जीवन के लिए जल का महत्व सबसे अधिक है तो जो जल के लिए काम करें वे राष्ट्र और समाज के लिए वास्तविक कार्य कर रहे हैं।

उन्होने दिव्या त्रिपाठी के इस कार्य के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया और भविष्य मे भी ऐसा ही काम होता रहे इसका विश्वास जताया।

दिव्या त्रिपाठी कहती हैं कि अटल जल शक्ति यात्रा लोगों मे जल के प्रति संवेदना जगाएगी जिससे जल का महत्व महसूस होगा और इस कार्य के लिए प्रेरणा प्राप्त कर अन्य लोग भी कार्य करेंगे , वह कहती हैं कि अब बुन्देलखण्ड से पद्मश्री हैं जिससे बांदा – चित्रकूट सहित पूरे प्रदेश मे जल संरक्षण भूगर्भ जल का आंदोलन तेज होगा।

यह यात्रा पूरे उत्तर प्रदेश मे भ्रमण करेगी और समस्याओं को जानकर भूगर्भ जल एवं संरक्षण हेतु काम करने का अवसर तलाशेगी। जिससे उत्तर प्रदेश सरकार स्वच्छ जल एवं सिंचाई हेतु जल मुहैया कराने मे तीव्र गति से काम कर सकेगी।

सोचिए अगर बारिश नही होगी तो क्या पुष्प होंगे ? और अगर पुष्प नही होंगे तो क्या खुशबु होगी ? नही होगी तो खुशनुमा माहौल के लिए खेत पर मेड और मेड पर पेड सिद्ध मंत्र है जिससे भूगर्भ जल संरक्षण होगा और जल स्तर बढ़ेगा तो आम आदमी खुशहाल जिंदगी जिएगा।

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