By – Saurabh Dwivedi
संविदा कर्मियों की मांगे माने सरकार : कमलेश कुमार पाण्डेय ( बराती लाल)
जनपद चित्रकूट में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ द्वारा अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन दिया जा रहा है। संविदा कर्मियों ने नवंबर माह में मुख्यमंत्री को समस्या से संबंधित ज्ञापन सौंपा था। किन्तु निस्तारण ना होने से महिला – पुरूष कर्मी सभी धरना प्रदर्शन पर बैठ चुके हैं।
संविदा कर्मियों की सहृदयता ही कही जाएगी जो उन्होंने आकस्मिक सेवाओं के लिए तत्परता दिखाई है। किन्तु अफसोस है कि सरकार के अंदर ऐसी संवेदना महसूस नहीं होती। इसी संदर्भ में शिक्षक संघ के शिक्षक नेता कमलेश कुमार पाण्डेय धरना स्थल पर पहुंचकर संविदा कर्मियों का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने अपने वक्तव्य में प्रशासन व शासन पर जमकर निशाना साधा। साथ ही कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने वाले संवेदनशील होते हैं और इनकी मांगे शीघ्र ही मानी जाएं।
उन्होंने कहा कि सुखमय जिंदगी जीना मानवाधिकार के अंतर्गत आता है। स्वास्थ्य कर्मी समाज का वह अंग है जो ना सिर्फ स्वयं स्वस्थ रहे बल्कि आम जनता को भी स्वस्थ रखता है। आशा बहू की नियुक्ति भी बहुओं के उत्तम स्वास्थ्य के साथ नवजात शिशु के स्वस्थ होने के उद्देश्य से की गई थी। किन्तु बढ़ती मंहगाई और बढ़ती उम्र के साथ समय व्यतीत होते ही नियमित होने और समान वेतन की उम्मीद बढ़ जाती है।
ऐसी ही कुछ जायज मांगे स्वास्थ्य कर्मियों की हैं। जिन्हें मानने में सरकार का शायद ही कोई नुकसान हो। एक सरकार का कर्तव्य ही बनता है और कर्मियों का अधिकार भी है कि जीवनयापन हेतु समान वेतन और नियमित होने का उपहार अवश्य मिले। कमलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि संविदा कर्मी भाई – बहनों के साथ इस संघर्ष मे सदैव साथ हैं। यदि सरकार अनदेखी करती है तो गंभीर परिणाम भुगतने होगें।
गौरतलब है कि सरकार जनकल्याण के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाती है। स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मी तन्मयता से जन – जन के स्वास्थ्य के लिए काम करते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं इनकी बदौलत ही जमीन पर साकार हो पाती हैं। परंतु उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इनकी ही अनदेखी कर क्या कुछ हासिल कर पाएगी , यह अबूझ पहेली है।
संघ के संयोजक एवं समस्त सदस्यों ने आशाओं को निश्चित मानदेय सहित चार सूत्रीय मांगो के माने जाने की उम्मीद जताई है। देखने योग्य है कि शासन कब तक आवाज सुनकर स्वास्थ्य हित में मांगो को मानकर राहत प्रदान करती है।