डी के पाण्डेय नाम से प्रसिद्ध धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय स्पष्टवादी और व्यवहार कुशल समाजसेवी स्वभाव के व्यक्तित्व हैं जिनका राजनीति मे उद्भव ठीक उस समय हुआ जब भारत का पुनर्निर्माण एवं उद्भव सन् 2014 मे होने जा रहा था।
और देश का युवा एक चाय वाले को प्रधानमंत्री बनाने के लिए व भ्रष्टाचार का दमन करने के लिए अपनी ऊर्जा झोंक रहा था , कहा जाए तो भ्रष्टाचार मुक्त और नई वाली राजनीति प्रगतिशील राजनीति के पीढ़ी के ऐसे नेता हैं जो बदलाव की लहर से देश – प्रदेश की राजनीतिक कुरूक्षेत्र मे जन्म लिए हैं।धार्मिक – आध्यात्मिक इतने हैं कि इनके जीवन रथ के सारथी परानू बाबा हैं। जैसे अर्जुन के रथ के सारथी भगवान श्रीकृष्ण थे।
2017 विधानसभा चुनाव मे भाजपा के प्रबल दावेदार :
राष्ट्रवादी विचारधारा के समाजसेवी व्यक्तित्व धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय जनता के बीच पहुंचने लगे और मन मे जगह बनाने लगे। फलस्वरूप एक बड़े वर्ग से आवाज आई कि ऐसा व्यक्ति विधायक होना चाहिए जो जनता का है जनता के लिए काम करता है। तानाशाह अफसरों को यह बताता है कि जनसेवा के लिए सेवक हो और जनता को परेशान ना करो , जनता को अपने छोटे छोटे काम के लिए परेशानी नही होनी चाहिए।
इन खूबियों की वजह से मऊ मानिकपुर विधानसभा – 237 के प्रबल दावेदार बनकर उभरे। भारतीय जनता पार्टी से टिकट की उम्मीद थी। परंतु राजनीतिक परिस्थिति बनती बिगड़ती रहती है , भाजपा से चुनाव नही लड़ सके पर जनता की सेवा लगातार कर रहे हैं। इनका यह सेवा भाव ही सफलता का बड़े पंख बनेंगे और विश्वास है कि जनता और दल से अवसर मिलेगा तब वास्तव मे विकास की गाथा लिखी जाएगी।
नरेन्द्र मोदी आर्मी से प्रकाश मे आए…
उन युवाओं मे से एक युवा डी के पाण्डेय भी थे जो नरेन्द्र मोदी आर्मी मे प्रदेश महामंत्री के पद को सुशोभित कर रहे थे और मध्यप्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश के निज जनपद चित्रकूट मे जमीनी स्तर पर कार्य कर युवाओं को लक्ष्य साधने हेतु सक्रिय कर रहे थे।
आपका जन्म 30 – 12 – 1982 को उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद की मऊ तहसील मे भिटारी गांव मे हुआ। पिता पवन कुमार पाण्डेय पुलिस विभाग मे सेवारत रहे और मां पूरन देवी पाण्डेय घरेलू कर्तव्यों का निर्वहन करती रहीं जिनके सुपुत्र मे माता पिता दोनों के मिश्रित गुणतत्व समय-समय पर नजर आते हैं। जब सेवा करते हैं तब माँ और जब अंधकार मे प्रकाश दिखाते हैं तब पिता के गुण इनमे साफ नजर आते हैं जो अपनों के लिए विश्वास के मजबूत कंधो के रूप मे जाने जाते हैं।
शिक्षा – दीक्षा के उपरांत रोजगार की तलाश मे मध्यप्रदेश के इंदौर पहुंचे तो वहाँ प्राइवेट सिक्युरिटी कंपनी चलाने लगे। इससे अपने साथ सैकड़ों युवाओं को रोजगार दिया जो निरक्षर एवं साक्षर दोनो तरह के युवा और बुजुर्ग रहे। कंपनी तब से निरंतर चल रही है और व्यवसाय का विस्तार लगातार हो रहा है।
अब गड़करी ब्रिगेड फाउंडेशन मे मुख्य भूमिका…
आर्थिक संपन्नता के साथ देश को संपन्न समृद्ध और सशक्त बनाने की सोच के साथ राजनीति के मैदान मे आए धर्मेन्द्र पाण्डेय अब गड़करी ब्रिगेड फाउंडेशन मे मध्यप्रदेश ईकाई के प्रदेश अध्यक्ष हैं। फाउंडेशन की ओर से जुलाई महीना सन् 2022 मे इन्हें यह जिम्मेदारी दी गई।
वह बताते हैं कि गड़करी ब्रिगेड फाउंडेशन विकास का उजियारा फैलाने के लिए काम करता है। लोकप्रिय केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी की विकासशील सोच को जनता से बताया जाता है। आज पूरा देश जानता है कि काम करने के मामले मे नितिन गड़करी से किसी का कोई मुकाबला नही है। महाराष्ट्र मे विकास करना रहा हो या फिर केन्द्र की सरकार के प्रतिनिध के रूप मे देश के विकास का नक्शा बनाना रहा हो , तो उन्होंने सड़क मार्ग का इतना स्तरीय जाल बिछवाया कि आज भारत विश्व के अग्रणी देशो से सीधी टक्कर ले पा रहा है।
“भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई के अत्यंत प्रिय मंत्री रहे। गाँव मे अगर शानदार सड़क नजर आती है तो इसके पीछे दिमाग केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी का है। तब अटल जी ने भी इस योजना की तारीफ की थी और अपने नाम अटल सड़क योजना से परिवर्तन सिर्फ प्रधानमंत्री सड़क योजना के रूप मे किया था ” जिसका जिक्र स्वयं केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने एक साक्षात्कार के दौरान किया था।
सिर्फ इतना ही नही समय-समय पर अपने उत्तम विचारों से आम जनमानस और यूथ को सोचने हेतु मजबूर कर देते हैं। यूथ का बड़ा वर्ग काम करने के मामले मे नितिन गड़करी को अपना आदर्श मानता है।
डीके पाण्डेय भाजपा मध्यप्रदेश की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी रहे। और जनता की सेवा के लिए कर्तव्य पथ पर चलते रहे। वहीं ब्राह्मण समाज मे नवीन चेतना लाने के लिए ब्राह्मण संगठन मे भी कार्य कर रहे हैं जिससे अपने समाज के उत्थान हेतु कार्य करें और सामाजिक एकता का ध्वज फहराता रहे। निज समाज को सही मार्गदर्शन मिलता रहे।
भविष्य की राजनीति पर इनके विचार :
राजनीति वहाँ भी सक्रिय रहती है जहाँ लोग कहते हों कि हमे राजनीति से मतलब नही है। असल मे राजनीति घरेलू हो पारिवारिक हो या फिर सामाजिक अपने स्वरूप मे वह हमेशा से सबको प्रभावित करती रही है। दलगत राजनीति का अपना अलग स्वरूप है तो समाज मे राजनीति अलग स्वरूप मे असर डालती रही है। इसलिए राजनीति मे सबकी सक्रियता महत्वपूर्ण है और अच्छी सोच के व्यक्ति राजनीति करें जिससे बदलाव धीरे ही सही समय आने पर अवश्य होगा।
मेरा अपना विचार है कि बुंदेलखण्ड जहाँ अकूत संपदा है वहाँ का विकास उतना नही हुआ। जनपद चित्रकूट पिछड़े जनपद के रूप मे जाना जाता है जबकि राजनीतिक शक्ति के रूप मे यह जनपद हमेशा शक्तिशाली रहा है। क्षेत्र से लेकर केन्द्र तक जनपद के लोग प्रत्येक दल की सत्ता मे यहाँ का नेतृत्व करते रहे हैं पर अफसोस है कि विकास इतना नही हो सका जितना होना चाहिए था।
दस्यु प्रभावित क्षेत्र भी रहा जिससे निवेशकों के आकर्षण का केन्द्र नही बन सका। अब दस्यू मुक्त हुआ है और मऊ मानिकपुर क्षेत्र मे रानीपुर वन्य जीव बिहार टाइगर रिजर्व पार्क बनने से जंगल का संरक्षण होगा और दस्यू मुक्त सतप्रतिशत हो जाएगा। निवेशक चित्रकूट जनपद मे निवेश करने के लिए उत्साहित नजर आने लगे हैं। जिससे यहाँ कि अर्थव्यवस्था भी शक्तिशाली होगी और नया नेतृत्व राजनीतिक भागीदारी से अच्छी राजनीति और अच्छे विकास को प्राथमिकता प्रदान करेगा।
अगर मुझे कभी अवसर मिलेगा तो जनहित के लिए अब से ज्यादा सक्रियता से कार्य करूंगा। बस जनता से एक प्रार्थना हमेशा रहेगी कि जनपद के विकास और अच्छी राजनीति के लिए हमेशा मतदान करें , सच यही है कि जन मतदान ही उज्जवल भविष्य का इतिहास बनाता है।
राजनीति मे आदर्श नेता :
मेरी अपनी व्यक्तिगत सोच और समझ मे मेरे राजनीतिक आदर्श केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी हैं। जिनके काम की बदौलत भारत को वैश्विक पहचान मिली है और सीमा पर भी भारत उच्च गुणवत्ता की सड़क बनने से सशक्त हुआ है। उन्होंने गाँव मे किसान के विकास का ध्यान रखा तो सीमा पर जवान की सुरक्षा और सशक्तिकरण की तरफ ध्यान रखा है। इसलिए वर्तमान नेतृत्वकर्ताओं मे मेरे आदर्श के रूप मे उनका उच्च स्थान है।
फिर मेरे आदर्श के आदर्श नेता भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेई सिर्फ मेरे ही नही बल्कि सभी के आदर्श नेता हैं। और राजनीति व कूटनीति के मामले वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हम सबके आदर्श व्यक्तित्व के रूप मे सदैव रहेंगे। भारत का किसान और जवान मेरे आदर्श के रूप मे हृदय मे स्थान रखता है।
जरूरतमंद की मदद करना , संकट के समय देश सेवा करना नजर आता :
किसी भी नेता मे सेवा भाव होना , दानदाता स्वभाव होना आवश्यक है। जैसे राजा हरिश्चन्द्र का सेवा भाव और दानी स्वभाव रहा है। ऐसे गुण का अंश मात्र व्यक्ति को सफल नेता बना देता है। धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय भी जरूरतमंद की मदद मे अग्रणी पंक्ति मे खड़े नजर आते हैं। ऐसे युवाओं का उत्थान करना जो देश और समाज को कुछ खास दे सकते हैं उनके सहयोग के लिए तत्पर रहते हैं। इनका मानना है कि समृद्ध लोगों एक ऐसा समूह होना चाहिए जो संकटग्रस्त जिंदगी को सहज सरल बनाने के लिए हर स्तर पर काम करे , जैसे कि सोच मे बदलाव लाना और आवश्यकता पड़ने पर आर्थिक सहयोग करना। अच्छी शिक्षा के लिए माहौल बनाना और नौकरी या रोजगार पाने तक परिश्रमी लगनशील युवाओं की मदद करना।
महामारी के समय रोजमर्रा की कमाई करके रोजी रोटी चलाने वालों की मदद के लिए आगे आए। जब देश मे सभी को एक दूसरे की जरूरत थी और दूर रहकर मदद भी करनी थी तब ये मौत से भयभीत नही हुए और सावधानी पूर्वक जीवन बचाओ अभियान मे डट गए। चित्रकूट मे अपने गाँव भिटारी तथा मऊ विधानसभा मे सभी मजबूर लोगों की मदद करते नजर आए।
जनसंख्या नियंत्रण पर इनकी सोच :
2021 – 22 मे जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा आम जन के श्रीमुख मे आने लगा है। अब जनता का एक बड़ा वर्ग नियंत्रण के पक्ष है लेकिन नियंत्रण समानता से होना चाहिए। सामनता का कानून जनसंख्या नियंत्रण के लिए आवश्यक है। इस विषय पर एक लीडर की तरह डीके पाण्डेय कहते हैं कि बेशक मैं जनसंख्या के नियंत्रण के पक्ष मे हूँ लेकिन असंतुलन नही होना चाहिए। सरकार को ऐसा फार्मूला तैयार करना चाहिए कि जो स्थिति अभी है उस आधार पर नियंत्रण स्थापित हो जाए।
जब सरकार दो से अधिक बच्चों पर सुविधा देना बंद कर देगी तब नियंत्रण संभव होगा लेकिन एक आदमी तीन विवाह कर जनसंख्या नियंत्रण को असंतुलित करता है। इसलिए ऐसे विवाह पर भी नजर रखनी होगी। इसके लिए भी कानून बनना चाहिए वरना एक आदमी के तीन विवाह से 6 बच्चे होंगे तो ऐसे लोग पर सेकंड के हिसाब से जनसंख्या वृद्धि करते रहेंगे दूसरों की अपेक्षा वह जनसंख्या के मामले मे शीघ्र ही आगे बढ़ जाएंगे।
और अगर जनसँख्या नियंत्रण नही होगा तो हर आदमी का जीवन स्तर गिरता चला जाएगा। अच्छा स्वास्थ्य अच्छी शिक्षा से लोग वंचित होंगे। एक सुखमय जीवन के लिए अच्छा रोजगार या नौकरी चाहिए होगी वह भी एक सरकार विस्फोट करती जनसँख्या को शायद ही मुहैया करा पाए। इसलिए जागरूकता से ज्यादा कारगर कानूनी नियंत्रण से जनसँख्या नियंत्रण हो सकता है।
” आप डीके पाण्डेय को फेसबुक ट्विटर पर फालो कर सकते हैं। ”