SHARE

कुछ गुजराती मिले। मेरे साथ मे जय बजरंग सेना के नितिन उपाध्याय थे , उनको एक गुजराती भाई देख रहे थे। वे हमारी बातों को सुन रहे थे।

एक गुजराती बोला कि आप नेता हो ? नितिन उपाध्याय ने कहा अरे नही नेता नही हूं। एक सामान्य सा समाजसेवी हूं।

Help pls. For journalism

एक गुजराती ने अपना परिचय दिया। मैं गुजरात से हूं तो नितिन उपाध्याय बोले कि गुजरात मेरी ससुराल है।

तो इतने मे एक गुजराती बोले कि अरे तुम तो हमारे दामाद हो , दूसरा गुजराती बोला अरे ये तो गुजरात का दामाद है और हम यूपी वाले मुस्कुराए बिन रह ना सके।

हमे गांव की संस्कृति याद आ गई कि एक घर का भांजा पूरे गांव का भांजा हो जाता था। सब उसके मामा हो जाते थे। और ऐसे ही दामाद जी पूरे गांव के दामाद हो जाते थे जो अब कहीं खो गया है ? ऐसा माहौल !

गुजरातियों ने तुरंत अपना बना लिया। गुजराती महिलाएं भी घुलमिल गईं। उनमे से एक गुजराती स्वाभिमान से बोला कि मैं संघ से हूं , जिले का प्रभार है।

एक गुजराती महिला बोली मेरा बेटा आईटी सेल मे है उसे पांच जिले का प्रभार है। यह सब बातें वो लोग स्वाभिमान और खुशी से बोल रहे थे और कहते हैं गुजरात मे क्राइम रेट जीरो है।

Contact for booking @hotelsphatic

वो सब प्रधानमंत्री Narendra Modi जी की प्रशंसा कर रहे थे और मुख्यमंत्री MYogiAdityanath जी को भविष्य बता रहे थे। दोनो को बड़ा भाई – छोटा भाई बोल रहे थे।

उन्होंने नितिन उपाध्याय से अपील करी कि बीजेपी मे आ जाओ। तो इस तरह से गुजरातियों का एक विचार महसूस हुआ कि देखो ये लोग भाजपा और राष्ट्र के लिए कितने समर्पित हैं और अजनबी को अपना बनाने की कला जानते हैं।

हमे बिल्कुल भी अहसास नही हुआ कि हम लोग अजनबी हैं। वे चलते चलते गुजरात आने का आमंत्रण दिए। मनुष्य मे कितनी अद्भुत कला है कि सकारात्मक ऊर्जा और भावनाओं के स्पर्श से सबको अपना बना लो , बेशक दुश्मन बन रहे हैं लोग और दुश्मनी जी कर नफरत पालते हैं अपने अंदर।

मैंने गुजरातियों की ये कला देखी तब से सोचकर मन गदगद हो जाता है। गुजरातियों से सफल कैसे हों ? ये सीखने लायक तो है।

इसलिए आपके यहां कोई आए जहां के भी निवासी हैं जैसे मैं चित्रकूट से हूं आप चित्रकूट से हो तो बाहर से आए हुए हर भक्त / श्रद्धालु को ऐसा ही अपनापन दो उन्हें घर-परिवार जैसा महसूस कराओ फिर देखना जादू कि उनका मन रम जाएगा और वे अनेक बार आएंगे।

ऐसी कला आज के दौर मे सीखने लायक है और मन मस्तिष्क मे जागृत करने लायक है।

image_printPrint
5.00 avg. rating (99% score) - 2 votes