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लीडर जीनियस होगा तो जीनियस लोगों की पहचान करेगा अगर लीडर नानसेंस होगा तो नानसेंस लोगों के कंधे पर हाथ रखेगा। इसलिए जन जन को इतना जीनियस तो होना चाहिए कि वह एक जीनियस लीडर का सेलेक्शन कर सकें।

डोनाल्ड ट्रंप की एक बात बहुत अच्छी लगी है। ट्रंप ने अपने भाषण मे कहा कि ” वो बहुत जीनियस है और हमे अपने जीनियस लोगों की रक्षा करनी चाहिए। ” कहने का भावार्थ बिल्कुल साफ था कि जीनियस लोगों का सम्मान करना चाहिए और उनको एक अच्छा माहौल देना चाहिए , जो जैसा सहयोग हो सके वो जीनियस लोगों के लिए करना चाहिए।

एलन मस्क की प्रशंसा करते हुए ट्रंप ने कहा कि वह एक अद्भुत आदमी है। एक अद्भुत शख्सियत है। ट्रंप ने खुले मन से खुल मंच से मस्क की ना सिर्फ तारीफ की बल्कि स्पीच के इस अंश से प्रत्येक देश के लीडर को क्लियर मैसेज दिया है कि जीनियस लोगों के साथ क्या करना है ?

भारत मे बेशक आरक्षण की सुविधा रहे और दलित – पिछड़ो का उत्थान हो चूंकि समानता के नाम की जो राजनीति इस देश मे चल पड़ी है उसको कोई छू नही सकता वरना ये देश गृह युद्ध का शिकार हो जाएगा , इस देश की औलादें ही भारत माता को सरेआम नंगी कर देंगे क्योंकि मंडल – कमंडल के दौर मे भारत जल चुका है।

इसलिए भारत मे जीनियस लोगों के लिए अलग से नीति बननी चाहिए और जीनियस लोगों को अच्छा माहौल मिले जिसकी जिम्मेदारी समाज के लोगों की भी है चूंकि हर एक व्यक्ति मे सोशल लीडर छिपा हुआ है बल्कि भारत मे तो युवा नेताओं की डंकल फसल भी तैयार हुई है।

लीडर जीनियस होगा तो जीनियस लोगों की पहचान करेगा अगर लीडर नानसेंस होगा तो नानसेंस लोगों के कंधे पर हाथ रखेगा। इसलिए जन जन को इतना जीनियस तो होना चाहिए कि वह एक जीनियस लीडर का सेलेक्शन कर सकें।

लेकिन भारत के अलग अलग राज्यों के आधार पर चिंतन करें तो जैसे यूपी और यहाँ के बुन्देलखण्ड क्षेत्र मे नेता ऐसे यूथ को पसंद करता आया है जो ” भैया जिंदाबाद ” और ढेकाने ” मुर्दाबाद ” का नारा बस लगा सकें। उनको अच्छी सलाह और क्वॉलिटी थिंकिंग से कोई सरोकार नही है !

वैसे तो नेताओं के भाषण बड़े ऊलजलूल हो गए हैं लेकिन अमेरिकी चुनाव मे डोनाल्ड ट्रंप के भाषण से ऐसी बात निकली है कि उसे कम से कम भारत के लोगों को समझना चाहिए क्योंकि आप विश्व गुरु थे और आपको विश्व गुरु बनना है तो अपने देश के जीनियस लेखक , पत्रकार , डॉक्टर , वैज्ञानिक और हर एक क्षेत्र मे जो लोग भी तन मन और मस्तिष्क से जीनियस हैं उनके जीने लायक माहौल और कुछ करने लायक महत्वपूर्ण सहयोग करना भी कर्तव्य है।

अभी चेतना जागृत हो जाए तो यकीनन विश्व गुरु बनने जैसे वाक्य देश / क्षेत्र के लीडर्स की वाणी से निकलने लगें। जो लोग भी जीनियस हैं वे अमेरिकन चुनाव दोबारा जीत चुके ट्रंप के भाषण के बहुत गहरे मायने निकाल सकते हैं कि भारत और अमेरिका मे थिंकिंग पावर का कितना बड़ा अंतर स्थापित हुआ है जो एक देश के सशक्त और समृद्ध होने के लिए महत्वपूर्ण है।

” written by writer & Journalist saurabh dwivedi ”

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