@Saurabh Dwivedi
जब हम बुद्धि का प्रयोग करते हैं तब कुछ अलग करते हैं। ऐसे ही प्रशासन व्यवस्था बनाए रखने के लिए समर्पित होता है तब वह बुद्धि का प्रयोग करता है। वर्दी दूर से दिख जाती है तो निर्दोष व्यक्ति भी सजग हो जाता है और अपराधी रफू चक्कर हो जाते हैं। लेकिन यह समय वायरस और लाकडाऊन का है जिस पर एक बड़ी जिम्मेदारी गाँव – गाँव शहर – शहर व कस्बे तक पुलिस की है। ऐसा ही एक नजारा जनपद चित्रकूट के कस्बा पहाड़ी मे सूर्योदय से सूर्यास्त के बाद तक नजर आया , जब इंस्पेक्टर सादे ड्रेस मे अकेले – अकेले बाजार घूमते रहे।
वैसे ये दुनिया एक बाजार ही है और बाजार मे व्यवस्था बनाने की चुनौती वर्तमान मे सबसे बड़ी चुनौती है। शायद इसलिए पहाड़ी थानाध्यक्ष अवधेश कुमार मिश्र ने दिल और दिमाग से सोचकर बुद्धि का बड़ा प्रयोग किए। पिछले वर्ष 2020 मे भी इन्हीं महीने मे लाकडाऊन था लेकिन 2021 के कस्बा पहाड़ी मे इंस्पेक्टर सादे ड्रेस मे जब घूमे तो चर्चा का बाजार भी गर्म हो गया।
यह छोटा सा कस्बा माना जाता है। संक्रमण के लिहाज से अब तक सुरक्षित होने का खूब विश्वास भी है। यहाँ कोविड पेशेंट ना के बराबर सुनने को आए हैं परंतु ब्लाक मुख्यालय होने की वजह से तकरीबन अस्सी ग्राम पंचायत का केन्द्र भी है तो ऐसा नहीं है कि यहाँ खतरा नहीं है। अपितु इस समय मानव जीवन खतरे के लाल निशान पर ही जिंदगी जी रहा है।
इस संवेदनशीलता को समझते हुए इंस्पेक्टर अवधेश कुमार मिश्र कहते हैं कि व्यवस्था मे चूक से जिंदगी नहीं चूकने देना है। दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी का मंत्र वर्तमान मे महामृत्युंजय के मंत्र की तरह साधक सिद्ध माना जा रहा है , साथ ही आचमन करने की तरह सेनेटाइजर का प्रयोग जिंदगी का नियम बन चुका है। अथवा विकल्प के रूप मे साबुन का भी प्रयोग किया जा सकता है। मृत्यु से विजय प्राप्त करनी है तो वायरस के खिलाफ नियम मनुष्य को पालन करने ही होंगे।
खुद थानाध्यक्ष पहाड़ी का मानना है कि यह सत्य है पुलिस की गाड़ी दिख जाए या दूरी से वर्दी दिख जाए तो खुले सटर भी बंद हो जाते हैं और आवारागर्दी करते लोग इधर-उधर शिफ्ट हो जाते हैं। इसलिए जरूरी लगा कि सादे ड्रेस मे पहचान सरलता से नहीं हो पाती और इस युक्ति का प्रयोग कर चाक-चौबंद व्यवस्था बनाए रखने मे बड़ी भूमिका निभाई जा सकती है। इसलिए मैं अकेला निकल पड़ा और व्यापारियों व जन – जन को अच्छा संदेश देने की कोशिश की।
जहाँ जरूरत से ज्यादा अव्यवस्था मिली वहाँ वैधानिक कार्रवाई द्वारा दंडित किया भी गया। जिनके जवाब , सवाल के मुताबिक गलत पाए गए उनको नीतिगत दंडित कर भविष्य मे आगाह रहने के लिए कहा गया। साथ ही एक निवेदन जन जन से किया गया कि कुछ ही दिनों मे दूसरी लहर से हम निजात पा जाएंगे परंतु यह जन भागीदारी से ही शीघ्र संभव हो सकता है। वह व्यापारी हों या सामान्य जन देश के कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बन जिम्मेदारी अवश्य निभाएं।
उन्होंने कहा कि ड्यूटी के वक्त जनता से संवाद करना एक अच्छा अनुभव रहा। महामारी के समय मे यह जनसंवाद ब्रह्मास्त्र का काम करता है चूंकि जागरूकता से ही वायरस को हराया जा सकता है। हम इस तरह जिंदगियां बचा सकते हैं।
वैसे यह सच है कि थानाध्यक्ष पहाड़ी अवधेश कुमार मिश्र ड्यूटी पर जितने सख्त हैं उतने ही संवेदनशील मन के लिए जाने जाते हैं। चर्चा का विषय इनकी गुप्त समाजसेवा खूब रही है तो आज छोटे से कस्बे मे सादे ड्रेस मे व्यवस्था दुरूस्त रखने का यह प्रयास जन चर्चा का विषय बन गया है।