कितना खूबसूरत है ये दृश्य जब समाज के युवा अपना सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हैं। सोशल मीडिया से पिछले दिनों मीनू की जान बचाने के लिए युवाओं ने आर्थिक मदद कर प्रयास किया लेकिन मीनू परलोक सिधार गईं। पर इन युवाओं का हौसला नही पस्त हुआ।
एक बार फिर फेसबुक पर संवारा निवासी हर्षवर्धन सिंह ने मदद की प्रार्थना कर दी , कहते हैं प्रार्थना मे परमात्मा की अपार शक्ति होती है और इस बार फिर युवाओं ने रामधनी त्रिपाठी को गुर्दा प्रत्यारोपण कराने के लिए आठ – दस लाख रुपए एकत्र करने का वीणा उठा लिया।
मदद की आवाज सुनते ही वानर सेना वैसे ही एक्टिव होती है जैसे संकट के समय श्रीराम के सहयोगी वानर सेना थी। देवदूत अजीत सिंह ने फेसबुक पर वीडियो के माध्यम से मदद की आवाज दी तो वहाँ से भी संभावना बन गई।
जैसे मदद की सुरमई धुन बज रही हो और यूथ उस धुन मे धन ट्रांसफर करता जा रहा है। आनलाइन ट्रांजेक्शन एवं सोशल मीडिया का सबसे बड़ा सदुपयोग नजर आ रहा है।
विलास मिश्रा की पहली फेसबुक पोस्ट मेरी नजरों के सामने दिखी। जिसमे मदद की धनराशि भेजकर अपील की गई फिर क्या एक तरफ से मदद की पोस्ट फेसबुक पर तैरने लगीं।
नाम इतने सारे हैं कि लिखना असंभव सा है। कुछ तस्वीर लगा दी हैं , ये महादानी हैं। धन का सदुपयोग करने वाले लोग हैं। ये राष्ट्र और जीवन को समर्पित युवा हैं। ऐसे युवाओं पर भारत नाज कर सकता है।
आदित्य रघुवंशी भी लगातार दान करने वाले साथियों का प्रोत्साहन करते नजर आए इसलिए कि लोगों को प्रेरणा मिले। अच्छाई का प्रचार-प्रसार होना ही चाहिए जिससे सभी अच्छा काम करें और कोई असहाय ना महसूस करे। ऐसे युवाओं के विश्वास मे बहुत से लोग शानदार जिंदगी जीते हैं कभी कुछ होगा तो अपने साथी संभाल लेंगे।
यहाँ सब कृष्ण की भूमिका मे रहे जो मजबूर और जरूरतमंद के मददगार हैं। वो कृपालू हैं और ऐसे युवाओं पर उनकी कृपा बनी रहे जिससे ये सब संकट के समय निमित्त बनकर सहयोग करते रहें। हम एक दूसरे के सहयोग से आनंदित जीवन जी सकते हैं। मदद से किसी के हृदय मे विश्वास और उम्मीद की मिश्रित खुशी उभर आती है।
समाज के अनेक लोग इन युवाओं की प्रशंसा करते नजर आए। हम सब एक परिवार हैं और जीवन व सामाजिक हित के लिए ऐसे ही काम आएं जिससे एक अच्छे समाज और सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा। जिंदगी का तिरंगा झंडा फहराता रहे यही तो सबसे बड़ा प्रयास है , प्रमाण है।
ऐसे दानियों को समाज का अच्छा वर्ग नमन कर रहा है तो उन लोगों को याद दिला रहा है जो आए दिन समाज मे खाईं खोदने का काम करते हैं लेकिन वह संगठन और लोग ऐसी मदद मे सामने नही आते , शायद इससे उनका राजनीतिक हित ना सधता हो।
फिलहाल हमारी ये अपील है कि जो लोग इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं। सभी गिलहरी प्रयास करते हुए इनकी मदद करें जिससे एक परिवार की खुशहाली वापस आ सकेगी। एक जिंदगी ऐसी हो जो किसी जिंदगी के काम आए , ये जिंदगी ऐसी जिंदगियां हैं जो जिंदगी बचाती हैं। वानर सेना के देवदूतों को भी नमन। असल मे हम सब देवदूत हैं पर आदमी ही है जो पता नही क्या से क्या हो जाता है। देवदूत आस्थावान शब्द है।
सभी को कोटि कोटि प्रणाम