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By – Saurabh Dwivedi

युवाओं के सामने रोजगार की समस्या ऊंट के मुंह में जीरा की भांति सदैव मुंह बाए खड़ी रहती है। खासतौर से बुंदेलखण्ड के अति – पिछड़ा जनपद चित्रकूट के युवाओं के समक्ष रोजगार की सबसे बड़ी चुनौती है। यहाँ के युवा कोई तरह शिक्षा पूरी कर अथवा अधूरी शिक्षा में ही पलायन को मजबूर हो जाते हैं।

ग्राम खरसेडा के युवा अनूप त्रिपाठी भी ऐसे ही युवाओं मे से एक हैं। मध्यवर्गीय परिवार का यह युवा समय के साथ शिक्षा पूरी कर एमबीए की डिग्री लेकर नौकरी की तलाश में निकला।

अंततः त्रिवेणी फर्नीचर कंपनी में सेल्स पर्सन एवं मैनेजर की पोस्ट पर काम कर देश के विभिन्न भू – भाग का भ्रमण किया। एक वक्त ऐसा भी आया जब गांव – घर की खूब याद सताने लगी। अपनी जमीं और माँ की याद किस सुपुत्र को नहीं आती ?

साथ ही अपने ही क्षेत्र में कुछ करने की ललक ने राह भी खोल दी। जब हम मन – मस्तिष्क से विचार करना शुरू करते हैं तब अंतिम निर्णय पर पहुंच ही जाते हैं। वैसे ही अनूप ने कैरियर को लेकर खूब विचार किया और तय किया कि धर्म नगरी चित्रकूट मे ही व्यवसाय कर संस्थागत समाजसेवा के द्वारा समाज के लिए कुछ काम किया जाएगा।

संघर्ष भरी यात्रा को पार करने के बाद बेडी – पुलिया के समीप शंकर ढाबा के सामने की जगह को किराए पर ले त्रिवेणी फर्नीचर मार्ट की शाॅप ओपन कर बिजनेस की शुरुआत कर दी। यह अपने आप में एक बड़ी चुनौती का समय था।

जीवन का रूपांतरण होने के साथ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अनेक आशंकाएं घेरने लगती हैं। किन्तु अनूप ने सारी आशंकाओं से पार पा पूरे एक साल से व्यवसाय को गति देने में जुटे हैं। साथ ही हमारा प्रयास संस्था के साथ काम कर जन जागरूकता व पर्यावरण लीडरशिप डेवलप करने के क्षेत्र में बहुउद्देशीय कार्य को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।

युवा होने का अर्थ सिर्फ इतना ही नहीं कि आप कमा – खा सकें बल्कि युवा वही है जो समाज की सुप्त चेतना को जागरूक कर सके। इसलिए अनूप एक व्यवसायी होने के साथ युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। कि कैसे युवा होने के स्वरूप को पूर्णता प्रदान की जाए। इसी का फल भी है कि उचित सलाह और वाजिब मूल्य के चलते ग्राहकों का ताता भी इनके शोरूम पर लगा रहता है।

एक युवा होने का लाभ भी मिल रहा है। साथ ही त्रिवेणी कंपनी के फर्नीचर की विश्वसनीयता भी काम आ रही है। इनके यहाँ से क्वालिटी प्रोडक्ट लेने का सुअवसर हर कोई प्राप्त कर सकता है।

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