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By – Saurabh Dwivedi

जब मैं छोटा था। बचपन में मुझे नया जीवन देने वाले यही डाक्टर थे :- विवेक तिवारी
डा. कलीम खान आजाद जैसे डाक्टर ही सेवा भाव से गांव में जीवन प्रदान कर रहे हैं : – बुद्धविलास विश्वकर्मा ( शिक्षक )

डा. आजाद बीमार लोगों को बीमारी से आजादी दिलाते हैं। बीमारी की गुलामी से लोगों को आजाद कर इन्हें सुख महसूस होता है। बीमारी ना जाति देखती है , ना धर्म देखती है और बीमार व्यक्ति भी धर्म – जाति नहीं देखता , वह सिर्फ इतना चाहता है कि बीमारी से निजात मिल जाए। फिर कोई कट्टरता काम नहीं आती , अगर कुछ काम आता है तो वह डा. आजाद की एमबीबीएस की डिग्री और गांव में काम करने का सुख।

डा. आजाद ने नौकरी छोड़ने के पश्चात सेवा का क्षेत्र गांव को चुका। ब्लाक मुख्यालय पहाड़ी के ग्राम दरसेड़ा में लगभग दो दशक से स्वास्थ्य – सेवा कर रहे हैं। बेशक लोगों से बदले में पैसा लेते हैं पर पैसा भी उतना लेते हैं , जितना जायज है। एकदम सस्ता इलाज कर आर्थिक रूप से कमजोर नहीं होने देते।

बीमार व्यक्ति में ग्राहक नजर नहीं आता। जीवनयापन हेतु दवा के बदले धन लेना उचित है परंतु वही धन ग्राहक के भाव से लाभ के मकसद से अधिक से अधिक लें तो वही डाक्टर और मरीज के बीच के खूबसूरत रिश्ते को मलिन कर देता है। जबकि वर्तमान का सच है कि डाक्टर्स पेशेवर हो चुके हैं।

पेशे का चमत्कार है कि हाई – क्लास की बिल्डिंग्स में हास्पिटल खुल रहे हैं और जांच में ही जनता लुट जाती है। बीमारी से निजात पाते – पाते जेब बीमार हो जाती है। आम आदमी हेतु इलाज कराना चांद तारे तोड़कर लाने के समान हो जाता है।

गांव में सेवा देने के लिए कोई भी डाक्टर बामुश्किल ही तैयार होते हैं। किन्तु डा. आजाद ने सहजता से गांव में सेवा करने का विकल्प चुना , गांव में डाक्टर देवदूत ( फरिश्ते ) हो जाते हैं । दरसेड़ा गांव में हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति हावी नहीं है बल्कि डा. आजाद का सेवा भाव प्रवाहित हो रहा है। यहाँ हिन्दू-मुस्लिम में कोई तनाव नहीं व्याप्त है , जैसा कि हमें टेलीविजन और सोशल मीडिया पर देखने-सुनने को मिलता है।

अगर सर्वधर्म समभाव के दर्शन करने हैं तो डा. आजाद का छोटा सा अस्पताल है। यदि मनुष्य के अंदर उदारता देखनी है तो अस्पताल में दिखेगी। दया का पात्र बनना सहजता स्वीकार करने का समय और स्थान भी अस्पताल है। यही वो जगह है जहाँ जाति – धर्म से परे इंसान मिलते हैं और जब डा. कलीम खान आजाद जैसे डाक्टर हों तो ऐसे में चिकित्सक की सहजता , आध्यात्मिकता एवं सेवा भाव का दर्शन होने से सम्पूर्ण चिकित्सा जगत के लिए उदाहरण बन जाते हैं।

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