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मेरा छोटा सा कस्बा है। यहाँ छोटे-छोटे लोग रहते हैं और छोटे – मोटे घर हैं। हाल ही मेरे घर के पास शिक्षक बुद्धविलास विश्वकर्मा जी का घर बना। घर बनने के बाद उनकी बेटी का जन्मदिन भी आ गया अर्थात घर और जन्मदिन की खुशी एक साथ आई , कुछ रिश्तेदार कहने लगे कि गृह प्रवेश और जन्मदिन का कार्यक्रम एक साथ कर लेना चाहिए। इधर कोरोना ने भी देश मे दहशत भरी दस्तक दे दी।

वैसे यहाँ भी सभी यही मानकर चल रहे हैं कि यहाँ कैसे कोरोना आ जाएगा। वजह यही कि यहाँ कोई विदेशी नहीं आता और बाहर से कुछ खास लोगों का आना-जाना नहीं कि कोरोना के आने का भय उत्पन्न हो सके।

उन्होंने मुझे जिम्मेदार – समझदार मानते हुए पूंछा कि कार्यक्रम करना चाहिए या नहीं ? यह बात लगभग चार दिन पहले की है , मैंने हाँ कह दिया पर बात फिर आगे बढ़ी कि रिश्तेदार गुजरात – पंजाब और तमाम जगहों से बाहर से आएंगे तो ऐसा सुनते ही मैंने गंभीर श्वांस ली और एक बार में आग्रह स्वरूप ना कहा !

बेशक अभी जनपद चित्रकूट के कस्बा पहाड़ी मे कोरोना नहीं है और यहाँ सीमित दायरे पर सब रह रहे हैं परंतु यदि कोई बाहर से ट्रेन और फ्लाइट से आया तो ” कोरोना राजा ” बिना टिकट की यात्रा से घर – घर दस्तक दे सकते हैं और फिर कोई बच नहीं सकेगा।

शिक्षक बुद्धविलास जी ने मेरी ना को अपनी हाँ मे तब्दील किया और ऐसा लगा कि मानों मैं उनका कोई खास रायदार हूँ। उन्होंने निर्णय लिया कि गृहप्रवेश और बेटी का जन्मदिन उत्सव नहीं मनाया जाएगा। इस वक्त जो जहाँ हैं वहीं रहेंगे।

ये देश के आम आदमी का निर्णय है। देश के छोटे-छोटे आम आदमी के ऐसे निर्णय से राष्ट्र निर्माण हो रहा है और समाज से संक्रमण समाप्त करने का प्रयास हो रहा है , कोई कोरोना ही नहीं बल्कि हर प्रकार की चुनौती से हमेशा आम आदमी ने जिम्मेदारी निभाकर देश बचाया है।

अब देखिए कोई कनिका कपूर हैं और पेज थ्री पार्टी टीवी स्क्रीन पर देखने को मिल रही है। कोरोना ने वह सच सामने ला दिया जो आपके राजनीतिज्ञ और बड़े लोग आपके सामने नहीं आने देते , इस पार्टी में जनप्रतिनिधि से लेकर देश मे मुख्य भूमिका निभाने वाले हाई – प्रोफाइल लोग थे।

इन सभी को पता था कि कोरोना एक महामारी है जो कभी भी किसी से भी किसी को भी अपने गिरफ्त मे ले सकती है , परंतु इन लोगों ने देश – दुनिया की आम नजरों से ओझल होकर वह कार्य किया जिसे देश की जनता सीधे जानती नहीं कि ये जीवन मे क्षणिक आनंद के लिए ऐसी-वैसी – कैसी – कैसी पार्टी – सार्टी करते हैं।

ये वैसी ही पार्टी है , जैसे कि गांव का कोई दबंग रौबदार जमींदार प्रकार का अमीर आदमी घरेलू उत्सव में वेश्याएं बुलाकर नचवाता है और चंद गांवटी लोफर उन वेश्याओं पर नोट उड़ाते हैं तो किसी कामुक रोबीले छैला की लार टपकती है। ऐसा संक्रमण कामुक दबंग मानसिकता पर देश के प्रत्येक स्तर पर कहीं ना कहीं फैला हुआ है। बस फर्क सिर्फ इतना सा है कि वहाँ पेशेवर कनिका कपूर और बड़ी हस्तियां मौजूद थीं , जैसे कि कथानक है कि ” समरथ को नहिं दोष गोसाईं ! “

सीधे तौर पर कहा जाए तो अमीरजादों की एक पार्टी ने आम आदमी के जीवन को वैसे ही खतरे मे ला दिया जैसे कि उनके संकुचित – संक्रमित नेतृत्वकारी सोच से आम आदमी की जिंदगी हमेशा खतरे मे बनी रहती है।

यह सच जनता के सामने है कि आपके नेता और रसूखदार लोग गाने – वाने से कैसे – कैसे आनंद लेते हैं। आप बस देश की चिंता वाली खबरें देखते – सुनते और पढ़ते हैं , असल जिंदगी वह इस प्रकार से भी जीते हैं जो आम आदमी के कानों और आंखो से देखी – सुनी नहीं जा सकती।

कोरोना ने स्पष्ट कर दिया कि देश आम आदमी की जिम्मेदारी से चल रहा है और मेरे कस्बे के आम आदमी व पेशे से शिक्षक बुद्धविलास विश्वकर्मा जैसे व्यक्तित्व की वजह से हम सबकी जिंदगी बची रहती है। कोरोना के खिलाफ जंग आम आदमी ही जीतेगा , अतः सभी तैयार हो जाइए अपने – अपने स्तर से घरों से बेहतर प्रयास करिए।

इस देश की करोड़ो जिंदगियों को आम आदमी का नेतृत्व ही बचाएगा नाकि कोई कनिका जैसे – जैसी तथाकथित हस्तियां बचाएंगीं !

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