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By – Saurabh Dwivedi

वैसे तो कम उम्र के युवा चौराहे और गलियों पर खूब हो – हल्ला और मस्ती करते दिख जाते हैं। ऐसा महसूस होता है कि इन्हें देश – दुनिया की कोई फिक्र नहीं ! ये स्वयं के आनंद में मस्त रहने वाले लोग हैं। जो कभी-कभी हमें अनैतिक भी नजर आते हैं। इस कच्ची उम्र में वे जीवन का आनंद ले रहे होते हैं तो वहीं देशभक्ति भी इनके अंदर कैद रहती है।

जिस कस्बे में कभी राष्ट्र के नाम का शोर नहीं मचता। वहीं के युवा पुलवामा अटैक का जबरदस्त विरोध करने निकल पड़े तो मनोहारी दृश्य नजर आता है। आंखो को सुकून मिलता है। हृदय में विश्वास जन्मता है कि हो ना हो हर जन्में युवा में राष्ट्र के प्रति अपार श्रद्धा है।

ये देशभक्ति राष्ट्र निर्माण में सदैव काम आती है। जब देश के चालीस जवान शहीद हुए एवं घायलों की तादाद बड़ी लंबी हो तो यह राष्ट्र के अंदर कहर की लहर का दौड़ जाना होता है। इस कहर के दर्द से हर नागरिक कराह उठा। बहुत से लोग असहाय हैं कि वह कुछ करने योग्य नहीं तो ऐसे में सरकार से ही अपील कर सकते हैं।

जनपद चित्रकूट के ब्लाक मुख्यालय पहाड़ी में गली का युवा राष्ट्र भक्ति के भाव से एकजुट हो सेना के सम्मान में निकल पड़ा। युवाओं ने जोर – शोर से पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। मोबाइल शाॅपी चलाने वाले शारदा प्रसाद विश्वकर्मा ने कहा कि हम सेना का हृदय से सम्मान करते हैं। उनकी वजह से हमारी रात सुकून की नींद की रात होती है। अतः इतने जवान एक साथ अलविदा कह जाने से सभी बहुत दुखी हैं।

इस दुख का परिणाम ही है कि जहाँ सोचा नहीं जा सकता। आज वहाँ भी युवा आंदोलन करने के लिए तिरंगा थाम कर निकल पड़ा है। ऐसा जज्बा युवाओं में देखने के लिए मिल जाए तो विश्वास जाग उठता है कि देश की हर समस्या निजात पाई जा सकती है। देश के शहीदों के सम्मान में जिस प्रकार से युवा उठ खड़ा हुआ। वैसे ही उम्मीद की जा सकती है कि भ्रष्टाचार , घूसखोरी एवं जनहित के हर मुद्दे पर युवाओं को ऐसे ही उठ खड़ा होना चाहिए। जिससे राष्ट्र के अंदर हालात अच्छे होगें , जिंदगियां खुशनुमा होगीं। इस दौरान कस्बे के सैकड़ो युवा आंदोलन का हिस्सा रहे , जिनमें आलोक अग्रहरि , अशोक नामदेव , सर्वेश पाण्डेय और दिनेश कुशवाहा पत्रकार साथियों सहित जागरूक युवा सक्रिय रहे।

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