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जिलाधिकारी कार्यालय चित्रकूट मे प्रधान संघ ने पहुंचकर जमकर हंगामा काटा जिसकी वजह पिछले दिनों हुई 17 सचिव पर कार्रवाई एवं करीब 77 ग्राम पंचायत के खाते सील होना व विकास कार्य प्रभावित होना है , साथ ही गौशालाओं के संचालन मे भुगतान ना होने व आ रही दिक्कतों का निपटारा ना होना। इन तमाम बिंदुओं से प्रधान भड़के हुए नजर आ रहे हैं जो आगामी लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने का मन बना रहे हैं कि सबक सिखाने का सही वक्त यही होगा।

चित्रकूट :  ग्राम पंचायतों के खाते सीज किए जाने एवं गौशालाओं में संरक्षित गोवंशों के भरण-पोषण का भुगतान होने पर लामबंद ग्राम प्रधानों ने डीएम की चौखट पर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। संघ की ओर से पांच सूत्रीय मांग पत्र डीएम को सौंपा। अवगत कराया कि पंचायतों के खाते बंद होने से गांवों में विकास कार्य बाधित हो गए है। गोवंशों के भरण-पोषण का भुगतान न होने से गौशाला संचालन में दिक्कतें आ रही है।

ग्राम प्रधान संघ जिलाध्यक्ष सुनील शुक्ला की अगुवाई में सोमवार को प्रधानों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। अवगत कराया कि ग्राम पंचायतों के खाते सीज कर दिए जाने से विकास कार्य अवरुद्ध हो गए है। पंचायतों ने भुगतान सही तरीके से किया है, फिर भी गलत तरीके से कार्रवाई की गई है।

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पिछले पांच माह से गौशालाओं में संरक्षित गोवंशों के भरण-पोषण का भुगतान नहीं हुआ है। पत्रावली के नाम पर ब्लाक, तहसील व सीबीओ कार्यालय में प्रधानों को चक्कर कटवाया जा रहा है। हर जगह प्रधान इसमें शोषण का शिकार हो रहे है। प्रधान संघ मऊ के अध्यक्ष प्रभात पांडेय ने ज्ञापन देकर कहा कि एसडीएम मऊ पिछले एक माह से गौशालाओं के भुगतान संबंधी पत्रावली को अग्रसारित नहीं कर रहे है।

कई प्रधानों के साथ अभद्रता की गई है। सरकारी जमीनों पर लोग अवैध कब्जे कर रहे है। जिसकी जानकारी भूमि प्रबंधन समिति ने एसडीएम को अवगत कराया है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पहाड़ी ब्लाक अध्यक्ष अभिलाष पटेल, रामनगर अध्यक्ष व कर्वी ब्लाक अध्यक्ष विष्णुकांत ने कहा कि प्रधान गौशालाओं में गोवंशों को संरक्षित करने में काफी पैसा खर्च कर चुके है। लेकिन उनका भुगतान समय से न होने के कारण गांवों के कार्य बाधित है।

मनरेगा में कई माह से मजदूरी का पैसा नहीं आया है। जिससे श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। डीएम ने इस दौरान भरोसा दिया कि भरण-पोषण का जल्द भुगतान होगा। ग्राम सभाी की जमीनों से अवैध कब्जे प्राथमिकता के साथ हटाए जाएंगे। पंचायतों में हुए अनियमित भुगतान के मामले की सही जांच कराई जाएगी। निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। इस दौरान कमल यादव, विक्की सिंह, विपिन मिश्र, शैलेन्द्र शुक्ला, महेन्द्र प्रसाद, राजकरन, आनंद कुमार, राजेन्द्र सिंह, रामबाबू शुक्ला, फलेश यादव, शारदा प्रसाद, अनिल मिश्र, सुनील कुमार, अंबिका प्रसाद, दिनेश, रामप्यारे, दयाशंकर, इंदल, फूलचंद्र आदि मौजूद रहे।

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