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राजस्थान मार्बल कपसेठी चित्रकूट मे कथा आयोजन

कथा व्यास श्री श्री 1008 श्री बद्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज राजस्थान मार्बल कपसेठी चित्रकूट में भागवत कथा सुनाते हुए कहते हैं कि जिस पर भगवान की कृपा होगी उसी के हृदय मे सरस्वती जी की कृपा होगी और कण्ठ मे विराजमान होकर कथा कहलावाएंगी। वह मानते हैं कथा स्वयं भगवान कहते हैं जैसे गीता कौन सुना सकता है ? स्वयं योगेश्वर श्रीकृष्ण ही गीता सुना सकते हैं।

कुरूक्षेत्र के मैदान मे स्वयं योगेश्वर श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई। सभी जन सहज भाव से जानते हैं कि मोह से ग्रस्त अर्जुन को युद्ध के लिए तैयार करने के लिए स्वयं के दिव्य दर्शन दिए जिससे अर्जुन ने गीता सुनकर कहा हे प्रभु मैं स्वयं को जान गया। मेरा खुद से साक्षात्कार हो गया। अर्जुन का समस्त मोह – माया रूपी अंधकार समाप्त हो गया।

कथा व्यास आगे बोले कि सिर्फ अर्जुन ही नहीं कथा सुन रहा था। संजय को दिव्य दृष्टि प्राप्त थी इसलिए संजय भी उस वक्त योगेश्वर श्रीकृष्ण द्वारा कही जा रही कथा का श्रवण कर रहे थे। इस कथा श्रवण से संजय के जीवन मे यह परिवर्तन आया कि उसने युद्ध शुरू होने से पहले ही धृतराष्ट्र को युद्ध का परिणाम बता दिया था।

एक और व्यक्ति जो स्वयं धृतराष्ट्र थे जो संजय की वजह से गीता सुन रहे थे। जो कुछ श्रीकृष्ण कहते वह सबकुछ संजय धृतराष्ट्र को श्लोक और अर्थ सहित बताते। इस तरह मोहग्रस्त धृतराष्ट्र भी गीता सुन पा रहे थे। जब गीता समाप्त हुई तब धृतराष्ट्र ने संजय से पूछा पाण्डव और मेरे पुत्र कौरव क्या कर रहे हैं ?

अर्थात धृतराष्ट्र भी गीता सुन रहे थे परंतु उन्हें सत्य का ज्ञान नही हुआ। उनका मोह समाप्त नहीं हुआ। वह युद्ध नहीं रोक सके अपितु कौरवों के विजय की कामना अभी भी कर रहे थे। फिर क्या हुआ धृतराष्ट्र के गीता सुनने से ? कुछ भी नहीं.

स्पष्ट है कि सुनने की कुशलता होनी चाहिए। जैसे संजय और अर्जुन मे एकाग्र होकर सुनने की कुशलता थी , उनमे आस्था थी। ऐसे ही मनुष्य के जीवन मे पूजा पाठ करने की कुशलता होनी चाहिए और कथा भी ऐसे सुनें कि ध्यान करें तो भगवान का चित्रण आपके मन – मस्तिष्क मे होने लग जाए।

ऐसा नही हो सकता जीवन भर करते हैं काम और अंत मे सोचते हैं निकल आए राम , पहले काम से मुक्ति पाकर सावधान होकर कथा सुन लें तो एक मुहूर्त मे मुक्ति हो जाएगी। जीवन के सत्य का पता लग जाएगा. इसलिए अर्जुन , संजय और धृतराष्ट्र के जीवन से अपने जीवन का सत्य जानिए। यह कथा 2 अप्रैल तक चलेगी जिसके मुख्य यजमान दिनेश मिश्रा हैं।

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