By – Saurabh Dwivedi
बंधोइन बांध पर फाटक लगने से होगा लाभ या विनाश !
जनपद चित्रकूट की संजीवनी मंदाकिनी नदी की अविरल धारा के लिए सामाजिक लोगों द्वारा प्रयास जारी है। इसी क्रम में बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बंधोइन बांध को दुरूस्त करने की मांग की थी। जिस पर सरकार द्वारा सिचाई विभाग को संतुति दे काम शुरू करने का आदेश दिया गया।
सिचाई विभाग ने बंधोइन बांध पर फाटक लगाने का काम शुरू कर दिया। जिससे कुछ दर्जन भर गांव सिचाई हेतु लाभान्वित होगें। किन्तु सामाजिक कार्यकर्ता वरिष्ठ समाजसेवी अभिमन्यु भाई का कुछ और विचार है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि बांध की ऊंचाई बढ़ाने व फाटक लगाने से सिचाई के लिए सिचाई विभाग जरूर प्रयोग कर सकता और लाभ भी कुछ ही गांवो तक सीमित रह जाएगा।
चूंकि मार्च – अप्रैल के महीने से नदी का सूखना शुरू हो जाता है और मई – जून तक रामघाट चित्रकूट परिक्षेत्र से अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र में नदी रेगिस्तान में तब्दील हो जाती है। जहाँ पपीहे को प्यास बुझाने के लिए एक बूंद पानी नहीं मिलेगा। पशु – पक्षी प्यास से तड़प कर मरने को मजबूर हो जाते हैं।
नदी तट के गांवो में जल स्तर कम हो जाता है। इसलिये नदी की उपयोगिता को समझना आवश्यक है। नदी की अविरल धारा कैसे बनी रहेगी , प्रयास इस ओर होना चाहिए। किन्तु सरकार शायद बिना किसी होम वर्क के आदेश पारित कर देती है और विभाग उस आदेश का बेजा लाभ उठा लेता है। सिचाई विभाग सिर्फ सिचाई की ओर सोच रहा है , पर पीने का पानी कैसे मिलेगा ? यह सवाल बना रहेगा। इंसान को शुद्ध जल और प्यास बुझाने की दरकार है। जिसकी एकमात्र निर्भरता मंदाकिनी नदी पर है।