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By – Saurabh Dwivedi

स्किन रोग विशेषज्ञ होना विशेष बात होती है। बामुश्किल ही चर्म रोग विशेषज्ञ जनपद स्तर पर मिल पाते हैं। मिलते भी हैं तो रोगी के सही व समय से इलाज की बहुत कम गारंटी होती है। किन्तु युवा स्किन डाक्टर जितेंद्र कुमार मधुकर रोगियों का इलाज पूरी तत्परता से करते नजर आते हैं।

न्यू इंडिया के न्यू यूथ की थिकिंग पावर ही कही जाएगी कि वह धन कमाने से अधिक सेवा भाव से नाम कमाने को उत्सुक नजर आते हैं। बेहद सस्ता एवं विश्वास परक इलाज के लिए जाने जाते हैं।

बांदा से लेकर चित्रकूट तक विभिन्न मेडिकल स्टोर व अस्पताल पर सेवा भाव से बैठकर स्किन समस्याओं को हल कर रहे हैं। जितेंद्र मधुकर कहते हैं कि मनुष्य की स्किन बेहद संवेदनशील होती है , जो आजकल विभिन्न प्रकार के केमिकल युक्त साबुन एवं खान – पान में सावधानी ना बरतने से लोगों को अपने गिरफ्त में ले रही है।

चूंकि स्किन समस्या ऐसी समस्या है कि इसके इलाज का कोई पैमाना नहीं है। कुछ लोगों ने धीमा एवं पेशेवर इलाज कर धंधा बना लिया है। जबकि युवा सोच के डाक्टर मधुकर का कहना कि डाक्टरी पेशा से अधिक सेवा है। जीविकोपार्जन हेतु धन का आदान-प्रदान अवश्य होता है , किन्तु इसका मतलब यह नहीं कि छोटी एवं तात्कालिक समस्या को लंबा व उबाऊ बनाकर अधिक से अधिक धन ऐठा जाए।

आपका कहना है कि स्वामी विवेकानंद के सेवा भाव को महसूस कर ही डाक्टरी के पेशे को चुना है। इस क्षेत्र में भी व्यापक बदलाव की जरूरत है। डाक्टर और मरीज का रिश्ता अपनत्व से ओतप्रोत हुआ तो इससे विश्वास पूर्ण रिश्ता कोई और नहीं हो सकता।

वास्तव में डाक्टर मधुकर अपने आत्मीय स्वभाव को लेकर जाने जाते हैं। बड़ी आत्मीयता से मरीज के साथ पेश आने से आधी बीमारी पहले ही दूर हो जाती है। वजह यही है कि डाक्टर एवं मरीज का रिश्ता अपनत्व से भरा हो तो इलाज सतप्रतिशत सफल होता है। इसी भाव के साथ डाक्टर मधुकर कर्वी – चित्रकूट के शंकर बाजार स्थित आरती मेडिकल स्टोर में प्रत्येक बुधवार को बैठकर सेवा प्रदान करते हैं। जहाँ स्किन रिलेटेड पेसेंट का जमावड़ा लगना शुरू हुआ है। भविष्य में पेसेंट के अनुभव लिखकर अवगत कराएंगे , जिससे छोटी-छोटी सावधानी बरत कर मनुष्य बहुत सी बीमारियों से बच सकता है।

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