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By – Saurabh Dwivedi

संत वाणी सुंदर – सभ्य समाज निर्माण में सबसे अधिक प्रभावी होती है। परंतु वक्त के साथ संत की परिभाषा भी परिभाषित करने की जरूरत है। संत वही कहा जाएगा जो सामाजिक समरसता व अपराध मुक्त समाज हेतु प्रयासरत हो नाकि सिर्फ संतई चोला धारण कर भगवान के नाम का जप करना संत कहलाना हो सकता है। ऐसे में आशाएं उन लोगों से हैं जो ना सिर्फ चोला धारण किए हैं बल्कि सामाजिक हित में घर – मंदिर से निकलकर बाल आवाज कार्यक्रम में सम्मिलित होकर भविष्य के प्रत्येक शिवांश – श्रेयांश को न्याय दिलाने हेतु सरकार व कानून को मजबूर करेंगे।

वैसे चित्रकूट धर्म नगरी के नाम से जानी जाती है। किन्तु जब इसी धर्म नगरी में धनबल के जरिए अपराध को सह मिलती है। अपराधियों का मनोबल बढ़ जाता है। दो मासूमों का ना सिर्फ अपहरण होता है बल्कि हत्या कर दी जाती है। कानून – संविधान व समाज को शर्मसार कर देने वाली घटना सभी को चिढ़ाती हुई नजर आती है।

इस संबंध में भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अजीत गुप्ता ने बातचीत के दौरान कहा कि बाल आवाज सबसे प्रमुख मुद्दा है। दोनों मासूमों की हत्या जैसे संगीन जुर्म पर जिनका भी प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष हाथ रहा है उनमें से एक भी सलाखों के बाहर नहीं होना चाहिए। वह कोई बड़ा सामाजिक व्यक्तित्व हो अथवा कानून व्यवस्था का प्रमुख सदस्य !

यह सत्य है कि पुलिस को काम करने की या तो खुली छूट नहीं थी या फिर धनबल व पहुंच के प्रभाव से पुलिस दबाव में कार्य कर रही थी। साथ ही यूपी – एमपी के दोनों जनपदों की पुलिस की कार्यशैली में सामंजस्य ना होना। तत्पश्चात अपने – अपने कर्तव्य को एक – दूसरे के ऊपर दोषारोपण करने की बात सामने आना कहीं किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है।

एक संस्थान का नाम बदनाम ना हो एवं साख बनी रहे कि बड़ी वजह भी बच्चों के बरामद होने में कष्टकारी सिद्ध हुई। किन्तु नाम उस वक्त बदनाम हो चुका था जब तमंचे की नोक पर बच्चों का अपहरण हुआ। खुलासे में काफी कुछ स्पष्ट हो चुका है। अब आवश्यकता इस बात की है कि 4 मार्च को आयोजित बाल आवाज कार्यक्रम में युवाओं / बुजुर्गों की भागेदारी से सीबीआई जांच की मांग को प्रमुखता मिले , जिससे सफेदपोश और वर्दीधारी भी शिकंजे में आएंगे। अतः जनपद चित्रकूट के अभिभावक एवं मानवाधिकार के कार्यकर्ता भी पधारकर बाल आवाज को गुंजित करें।

Note – वृंदावन गार्डन ( बेड़ीपुलिया में ) में सुबह 11:00 बजे से बाल आवाज कार्यक्रम में पधारकर बच्चों का भविष्य सुरक्षित बनाएं।

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