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मध्यप्रदेश / चित्रकूट : चुनाव आयोग आचार संहिता को लेकर कड़ा रूख अपना रहा है तो वहीं दलगत राजनीति करने वाले लोग धार्मिक मुद्दों पर कड़ा रूख अपना रहे हैं अब भला रामचरितमानस से किसको आपत्ति हो सकती थी ? दीपावली और धनतेरस की शुभकामनाएं लिखे हुए पोस्टर बजरंग सेना उतारने को मजबूर हुई। जिन पर कामतानाथ परिक्रमा प्रमुख द्वार के महंत मदनगोपाल दास की फोटो भी चस्पा थी जिससे राजनीति का माहौल गरमा जाने के आसार नजर आने लगे हैं।

दान मंदिर मे या चैनल में होगा जनहित के लिए

उड़ती खबर के मुताबिक बजरंग सेना ने मध्यप्रदेश क्षेत्र के चित्रकूट मे चहुंओर पोस्टर लगा रखे थे। होर्डिंग्स मे रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ बनाए जाने को लेकर मांग लिखी हुई थी और धनतेरस व दीपोत्सव की बधाई लिखी हुई थी जिसे हटाने के लिए चुनाव आयोग सक्रिय हुआ।

हम चुनाव आयोग के मामले पर इस खबर की पुष्टि नही करते चूंकि इसकी आधिकारिक जानकारी आयोग की तरफ से नही आयी है लेकिन वायरल खबर कहती है कि इस बड़ा एक्शन लिया गया है। इसलिए बजरंग सेना को पोस्टर हटाने पड़े हैं जिसे लेकर बजरंग सेना के नितिन उपाध्याय शीघ्र ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं।

हालांकि मध्यप्रदेश के चित्रकूट क्षेत्र मे अब ऐसे पोस्टर नजर नही आ रहे हैं। अब यह जानने योग्य होगा कि क्या रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ बनाने की मांग से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किस प्रकार होता है ! किन्तु यह देखा गया है कि चुनाव मे धार्मिक मुद्दे एवं जातीय मुद्दे हावी ना हों इसके लिए चुनाव आयोग काफी सक्रिय रहता है। इसलिए ऐसा हो सकता है कि बजरंग सेना की होर्डिंग हटाई गयी हों या हटवाई गई हों।

अब इस बाबत बजरंग सेना के नितिन उपाध्याय प्रेस वार्ता के जरिए जानकारी देंगे और अपना स्पष्टीकरण भी देंगे। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि दलों द्वारा ऐसी होर्डिंग्स पर आपत्ति जताई गई होगी।

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