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@Sujata chaudhary

तुम बार-बार कहते हो,
तू चीज क्या है ,
क्या औकात है तुम्हारी ?
एक बार नहीं
दो बार नहीं
सैंकड़ो बार
हिकारत भरी नजरों से देखते हो मुझे
और बार-बार कहते हो
तू चीज क्या है ?

क्या बताऊं तुमसे
मैं चीज क्या हूँ ,
क्या औकात है हमारी ।
सुन सकेगा तू
तो सुन।
मैं वो हूं
जो नौ महीने तक
तुझे अपनी कोख में ,
धारण करती हूँ।
खुद कष्ट सहन कर
अपनी जान की परवाह न कर
तेरे वजूद को बचाने के लिए
अपनी जान की बाजी
लगा देती हूँ।
नौ महीने तक तुझे
अपनी कोख में रख कर
बचती फिरती हूँ इधर से उधर
ताकि तुझे खरोंच न लग जाए।
पता है मुझे ,
तुझे कोख में रखने से
मेरी जान जा सकती है ।
पर नहीं करती परवाह
मैं अपनी जान की,
क्योंकि तुझे इस धरती पर
लाने का ,
मेरे सिवा
ईश्वर के पास भी
नहीं है कोई विकल्प ।
वह भी लाचार है
मेरे सामने।
फिर भी तू मुझसे कहता है ,
तू चीज क्या है ?
और जानना चाहता है तो सुन ,
धरती पर आने के बाद भी
तू क्या है ?
एक पिंड गोले के सिवा ,
वो भी
गंदगी में लिपटा हुआ ,
मूत्र और टट्टी से सना हुआ ,
वैसे ही छोड़ दूं तुझे तो
कुत्ते और सियार
उठा ले जाएंगे ।
परंतु मैं ,
अपनी प्रसव वेदना को भूल कर ,
गंदगी में लिपटे हुए
तुझे अपने सीने से लगा लेती हूँ ।
और अपना स्तन
तेरे मुख में
लगा देती हूं
ताकि तू जीवित रह ,
लंबी उम्र पाए ।
और फिर मुझसे पूछे
कि तू चीज क्या है
क्या औकात है तुम्हारी?

_______________

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