By :- Saurabh Dwivedi
ब्लाक मुख्यालय पहाड़ी परिसर में पहली बार निःशुल्क प्याऊ की व्यवस्था बनाई गई। इस पहल से आम आदमी को खासी राहत मिलेगी। एक अच्छा संदेश मिला कि अधिकारी समाजसेवी प्रकृति का हो तो बदलाव शीघ्रता से नजर आने लगता है। खण्ड विकास अधिकारी विपिन कुमार सिंह ने कुछ ऐसी ही शुरूआत की।
ब्लाक वही है। बिल्डिंग वही है। जनप्रतिनिधि भी वही हैं और लंबे अर्से से कार्यरत कर्मचारी भी वही हैं। किन्तु खण्ड विकास अधिकारी की व्यापक सोच की वजह कही जाएगी कि समाजसेवा की नींव रख दी वरना इसके पहले सबकुछ जैसा था वैसा ही है। सिर्फ बदलाव हुआ एक सोच – समझ का।
इंसान की अंदुरूनी सोचने की क्षमता व सत्कर्म की प्रकृति सरलता से उत्तम कार्य करा देती है। निःसंकोच कहा जा सकता है कि विपिन कुमार सिंह की सोच का परिणाम है। इस प्रकार की समाजसेवा प्रत्येक अधिकारी – कर्मचारी द्वारा भविष्य मे भी जारी रहे , जिससे ब्लाक मुख्यालय से जुड़े हुए लोगों के अंदर समाजसेवा की सोच का विकास होगा।
यह भी तय हो गया कि भविष्य में आने वाले प्रत्येक खण्ड विकास अधिकारी के ऊपर मानसिक असर पड़ेगा। चूंकि इंसान रहे ना रहे पर उसके कार्य रह जाते हैं। उम्मीद है कि गर्मी के दिनों में स्वयं चर्चा शुरू हो जाएगी कि विपिन साहब थे तो यहाँ प्याऊं लगा था ? इस चर्चा का असर सत्कर्म मानसिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देगा। जिससे समाजसेवा के अधिक से अधिक कार्य होने की संभावना बढ़ जाती है।
कुलमिलाकर कहा जा सकता है कि अगर अधिकारी इस प्रकार की समाजसेवा का भाव आत्मसात कर ले तो सच है कि समाज के अंदर व्याप्त तमाम तरह दुख दारूण किए जा सकते हैं। यह भी तय हो जाना चाहिए कि समाजसेवी कार्यों की चर्चा अधिक से अधिक हो ताकि लोगों को प्रेरणा मिल सके कि वह भी बढ़ चढ़कर सत्कर्म करें , जिससे बुराई स्वयं नष्ट होने लगेगी। प्याऊं की व्यवस्था को शुरूआत कराने में अनुवादक तनवीर कुरैशी सहित अन्य कर्मचारियों का भी अहम योगदान रहा। यह बदलाव सुखद है।