मानिकपुर : चित्रकूट मे माफियाओं मे बालू माफिया खूब सुना होगा अगर नही सुना तो पशु माफिया नही सुना होगा। एक प्रकरण जब थाना मानिकपुर पहुंचा तब पड़ताल करने से जानकारी मिल रही है कि ननका नट कोई साधारण आदमी नही बल्कि पशु चोरी व हेराफेरी करने वाला असाधारण आदमी है।
रामपुर बांधी का निवासी ननका सुदूर बसे एक गांव लक्ष्मणपुर के जियालाल प्रजापति को भरोसे मे लेकर एक बकरा उधार ले आया। कुछ दिनो मे पैसा देने का वादा कर मुकर गया। जब गरीब परिवार मे बीमारी की आफत आई और बेटी की शादी नजदीक आई तब वह फरियाद लेकर थाना मानिकपुर पहुंचा। करीबन डेढ़ हफ्ते से उसका प्रकरण अब तक लंबित है।
एक तरफ जनपद के पुलिस अधीक्षक भरोसा पत्र बांटते हैं और पुलिस आपके द्वार जैसे स्लोगन बेहद आकर्षित करते हैं दूसरा पक्ष हकीकत का यह है कि छोटे से मामले पर भी फरियादी को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।
जबकि ननका नट के संबंध मे सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसमे यह पता चल रहा है कि उसका यह धंधा है। जिसे वो इस तरीके से ही करता है गरीब परिवारों को भरोसे मे लेकर कुछ नगद कुछ उधार कर गाय , बकरा और बकरी आदि पशु लेकर काटने – बेचने आदि का काम बड़े पैमाने पर करता है। चूंकि पाठा क्षेत्र मे जंगल इतना है कि यहाँ हल्की फुल्की सांठगांठ से गो तस्करी – पशु तस्करी जैसे कार्य आसानी से अंजाम दिए जा सकते हैं फिलहाल थाना मानिकपुर के सूत्र बेशक कमजोर हों तो यह चिंतनीय है।
सूबे की सरकार पुलिस के अच्छे कार्य मतलब अपराधियों के सफाए के नाम से जानी जाती है लेकिन क्या खास वजह है कि एक पशु तस्करी जो गो तस्करी करने वाला भी हो उसे थानाध्यक्ष मानिकपुर समय रहते गिरफ्तार ना कर सकें और लंबित प्रकरण को ससमय हल कर सकें। मीडिया के कानों को तो यह भी सुनाई दिया कि ननका नट कह रहा है ” मैं तो कप्तान के बुलावे पे ना जाऊं ये तो दारोगा ही है। ” अब यह तो सीधे जनपद के पुलिस प्रशासन को ललकारने जैसी बात हो गई। पुलिस वास्तव मे सक्रियता दिखा दे तो ननका नट के गरीबों से ठगी के अन्य तमाम प्रकरण सामने आ जाएंगे.