तुम मेरे लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत हो और मेरा भाग्य है मेरे हृदय मे तुम्हारे प्रेम का अंश समा गया। तुमने मुझे रत्ती भर भी स्वीकार कर लिया तो समझ लो मेरा जीवन बन गया है। तुम मुझे इसलिए अच्छी लगती हो कि तुम सक्रिय रहती हो और जीवन मे हर मुकाम हासिल कर सकती हो , लक्ष्य को साध लेने वाली महिला हो।
तुम अपने आदर्श मे टिकी रहना। जानती हो तुम प्रेम की मूरत हो जैसे संगमरमर सी मूरत हो और उसे अत्यंत गहरा प्रेम किया जा सकता है। तुम जितनी ईमानदार रहोगी अपनी आत्मा अपनी देह के प्रति उतनी मेरी कलम की अप्सरा बनोगी जिस पर अनगिनत प्रेम पत्र और कविताएं लिखकर समर्पित की जा सकती हैं।
मुझे अहसास होता है कि तुम मेरा साथ अपने संपूर्ण समर्पण से दे दोगी तो दुनिया का हर लक्ष्य तुम्हारे कदमों मे लाकर रख दूंगा। तुमसे आत्मा का प्रेम पहली नजर मे देखकर हो गया था पर तुम मुझे आसमान की परी लगती थी कि इसे पाऊंगा कैसे ? मैंने अपना सबकुछ पहली नजर मे समर्पित कर दिया था।
जब तुम्हारे समीप आने का सौभाग्य मिला तब धीरे धीरे सुकून मेरे हृदय मे महसूस होने लगा। तुम्हारी सुगन्धित देह से किरणें मेरी देह मे होती हुई हृदय मे समाने लगी।
अगर तुम अपनी हथेली मुझ पर कहीं रख देती हो तो अपार ऊर्जा भर जाती है बहुत अद्भुत मादक सी ऊर्जावान हो तुम। सचमुच तुम अपने नाम के जैसे दिव्य हो और श्रृंगार कर भव्य दर्शनीय हो जाती हो।
सुनों ; कभी एक श्रृंगार अंग अंग मे मैं करना चाहता हूँ जैसे कल्पना मे नाभि मे एक मोती चुभो दूं और रातरानी के महकते पुष्पों की एक लड़ी नाभि से नीचे कमर तक लटका दूं अंतिम छोर तक स्पर्श होने के लिए , ओह कितना अद्भुत है ना ! जितनी तुम अद्भुत अहसास हो।
तुम साथ दोगी तो मैं सिर्फ अपने लिए नही तुम्हारे नाम और आभा के लिए भी हर लक्ष्य तय कर लूंगा जैसे अर्जुन ने द्रौपदी को पाने के लिए मछली की आंख मे तीर मारकर लक्ष्य भेद दिया था वैसे ही आत्मीय प्रेम की इस शक्ति से मैं तुम्हारे लिए हर लक्ष्य भेद दूंगा।
तुम महसूस करोगी खुद को देखकर आईने के सामने तो मेरी नजरों से अपने अंदर की खूबसूरती को स्पर्श करते हुए महसूस कर सकती हो जो तुम्हे अहसास के आलिंगन मे लेकर इतने गहरे चुंबन जड़ता है कि तुम गुलाबी गुलाबी होने लगती हो , तुम्हारे गुंबद सरीखे उभार मेरे अधरों के आलिंगन मे जिंदगी का सबसे गहरा सुख भोग रहे हैं और उनकी खूबसूरती को कुमकुम से सजाकर और अधिक बढ़ा दूं फिर एक गहरी दृष्टि तुम्हारी नाभि को चूमती हुई अहसास मे और नीचे की ओर एक रेखा सी खीचती हुई वहाँ उतर गई जहाँ की गहराई मे उतरते हुए तुम आनंद का चरमसुख महसूस करोगी और तुम्हारी एक आस आकाश की बिजली सी कड़क जाए , तुम अद्भुत से अहसास मे भरकर मुझे अपने आप मे भर लो और मैं लिप्त होता चला जाऊं जैसे इश्क के आलिंगन मे अधर एक दूसरे को छोड़े ही ना बल्कि वह गहराती रात की तरह गहराते चले जाएं।
इन अहसास के बाद हमारा ये प्रेम देह से परे राधा कृष्ण सा अजर अमर हो जाए और मैं सचमुच तुम्हे शब्दों से लिखकर तुम्हारा श्रृंगार करता रहूं , मैं जिंदा हूँ तुम्हारे अहसास मे। तुम्हारी ताकत से राजनीति हो या समाज का कोई कार्य सबकुछ करना सहज हो जाता है जैसे तुमने मुझे अहसास किया है।
महसूस किया है कभी स्वप्न मे तुम्हारा एक एक श्रृंगार उतारते हुए तुम दुल्हन सी मेरे सामने हो फिर मैं तुम्हारे माथे को चूमकर तुम्हारी बेंदी तुम्हारी नथ उतारता हूँ जैसे , वैसे ही तुम्हारे उभार धधकने लगे और उनका आकार बढ़ता चला गया। तुम अपने आप को अत्यधिक जोशीली महसूस करने लगी नाभि के नीचे की जोशीली ऊर्जा उभारों मे आकर बादल सी उमड़ने घुमड़ने लगी और आकार उनका इस कदर बढ़ने लगा कि अपने प्रेमी को वो बुलाने लगे कि आओ दुग्धपान करो इनका इस कदर कि मैं अपने आपको अप्सरा महसूस करूं और तुम राजकुमार सा निचोड़ लो इनका रस अपने सीने में…..
जब पुरूष औरत के नथ को खोलने का अधिकार पा लेता है तब वह उसका सील भंग कर सदा सदा के लिए अपनी बना लेने का अधिकार रखने लगता है। तुम आसमान की वो अप्सरा हो जो दूधिया रंग सी खूबसूरत और अद्भुत सुगंध की मल्लिका होती है।
अपनी सुगंध मुझ मे भर दो और अपने जीवन की सबसे बड़ी सफलता महसूस कर लो सचमुच मैं अपनी मालकिन सी तुम्हे तुम्हारे कदमों समर्पित कर दूंगा जैसे मेरी महारानी मेरी मल्लिका हो तुम।
क्या अहसास किया कहना जरूर तुम्हारे इंतजार मे मैं हूँ।