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भोजन की थाली से गुम हो चुका मोटा अनाज कितना स्वास्थ्य वर्धक है इसको लोग भूल चुके थे। यहाँ तक कि किसान के खेत से पैदावार भी बंद हो गई और इधर लोग बीमार भी पड़ने लगे तो वैज्ञानिकों के एक शोध ने यह भी पता लगाया कि गेंहू मे पाए जाने वाले ग्लूटेन की मात्रा अधिक होने पर लोगों मे तमाम प्रकार की बीमारी का खतरा बढ़ रहा है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने सन् 2018 के आसपास ही इस तथ्य को पहचान लिया था। उन्होंने सोचा मोटे अनाज के पोषक तत्वों की आवश्यकता सिर्फ भारत को नही वरन विश्व को भी है इसलिए अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 का आयोजन शुरू हुआ। जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ की एक सभा ने मान्यता दी।

महिला मोर्चा चित्रकूट के एक कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप मे भाजपा की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष रंजना उपाध्याय महिलाओं से मोटे अनाज के बारे मे बात करते हुए कहती हैं कि मैं दूर-दूर तक की यात्रा करती हूँ और साथ मे मोटा अनाज जैसे बाजरा , कोदो और सांवा या ज्वार साथ मे लिए रहती हूँ। और उसे ही बनवाकर आहार मे सम्मलित करती हूँ। उन्होंने अपने वक्तव्य मे प्रधानमंत्री मोदी की इस दूरदर्शी सोच की जमकर प्रशंसा की कि यह भी प्रधानमंत्री का एक काम है।

महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी उपस्थित गृहणी महिलाओं से बोलीं कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना मे स्वास्थ्य की समस्या का अधिक सामना करना पड़ता है। महिलाएं खुद के स्वास्थ्य ख्याल रखती हैं साथ ही अपने परिवार के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी संभालती हैं इसलिए हमें स्वास्थ्य वर्धक आहार करना चाहिए। हमे मोटे अनाज का सेवन शुरु करना चाहिए।

उन्होंने मुख्य वक्ता रंजना उपाध्याय के साथ साक्षा वक्तव्य मे कहा कि आज भारत के मोटे अनाज का महत्व विश्व की महाशक्ति समझ रही हैं और आजादी के समय से ही भारत मोटे अनाज के उत्पादन का प्रमुख देश रहा है किन्तु मोटे अनाज का तब मजाक उड़ाया जाता था लेकिन आज मोटे अनाज का महत्व संयुक्त राष्ट्र संघ को समझ आया है , यह भारत सरकार की कार्यशैली के बदौलत हुआ है।

अगर शुरूआत से मोटे अनाज के महत्व को बताया जाता। प्रचार-प्रसार होता तो भारत का मोटा अनाज किसानों की समृद्धि का सबसे बड़ा कारण बनता लेकिन कम जल एवं कम भूमि मे अधिक उपज वाले मोटे अनाज का उत्पादन पुनः शुरू होगा तो किसान की आय मे बढ़ोत्तरी होगी चूंकि देश के हर फाइव स्टार होटल मे भी कोदो सांवा और बाजरा आदि मोटे अनाज की मांग होने लगी है वा वे डिश मे शामिल कर चुके हैं , यह विमर्श कार्यक्रम मे उपस्थित जिला मंत्री राखी चौबे , नगर अध्यक्ष अर्चना सिंह एवं अन्य महिलाओं ने मंचासीन मुख्य वक्ता रंजना उपाध्याय व संयोजक महिला मोर्चा से कीं।

इस तरह भाजपा किसानों के बीच अपनी पैठ बनाने की एक अलग तरह की कोशिश कर रही है और ऐसी कोशिश की कोई आलोचना भी नही कर सकता। यह एक सकारात्मक पहल है जो स्वास्थ्य , आय और किसान के लिए आवश्यक है।

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