@Saurabh Dwivedi
बुंदेलखण्ड राज्य बनाएं ! पर क्यों ?
बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण की चर्चा ठंड के मौसम मे गर्मी के तापमान का अहसास करा रही है। ठंड के दिनों मे युवाओं ने धर्म नगरी चित्रकूट में राज्य निर्माण हेतु प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया। जैसे कोई पागल प्रेमी अपनी प्रेमिका को खून से खत लिखे वैसे ही बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण के प्रेमियों ने खून से खत लिखा ! लेकिन बड़ी बात है कि बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण क्यों किया जाए ?
इस सवाल का जवाब अनशनकारी ताराचंद पाटकार से हुए संवाद मे छिपा हुआ है। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण दिया , जापान का उदाहरण दिया और दोनों ही राष्ट्र जनसंख्या व क्षेत्रफल की तुलना भारत से छोटे हैं परंतु अमेरिका में साठ राज्य हैं और जापान मे पैंतालीस राज्य होने की जानकारी उन्होंने दी।
ऐसा सुनते ही हृदय की भाव भंगिमा आश्चर्यचकित रह गई कि एक विकसित राष्ट्र के पीछे छोटे राज्यों के निर्माण होने का रहस्य छिपा हुआ है। जबकि भारत में दोनों ही राष्ट्र के मुकाबले राज्यों की संख्या बेहद कम है , जैसे कि आबादी और क्षेत्रफल पर नजर डाली जाए।
यही तर्क बुंदेलखण्ड राष्ट्र समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय देते हैं। वे कहते हैं कि छोटे राज्यों से देश के विकसित होने का सपना साकार हो सकता है। बुंदेलखण्ड उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य का छोटा सा टुकड़ा है जो आज भी विकास की भूख से तड़प रहा है। यहाँ का किसान ही भूख से तड़प कर मर चुका है , सपा शासनकाल मे एक किसान की मौत भूख की वजह से हो गई थी। युवाओं का भविष्य भी छोटे राज्य मे टिका हुआ है। उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण की आवश्यकता है।
समिति के प्रमुख डालचंद्र कहते हैं कि हम क्रांतिकारी हैं जो बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण से प्रेम करते हैं। यहाँ के अच्छे दिनों के लिए मोदी – योगी को राज्य निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। चूंकि एक विकसित राष्ट्र तभी बन सकेगा।
असल मे छोटे राज्य होने से सत्ता संघर्ष मे भी कमी आएगी। राजनीतिक नेतृत्व भी समझदार हो सकता है। व नए नेतृत्व को जगह मिलने से संवेदनशील नेतृत्व की परिकल्पना साकार हो सकती है। विकास की गति बढ़ने मे भी मदद मिलेगी। और जातिवाद सहित तमाम प्रकार के वाद पर अंकुश लगेगा जो अच्छे सामाजिक माहौल के लिए आवश्यक है।
कार्यक्रम के समापन मे युवा और युवतियों ने खुन से खत लिख राज्य व केन्द्र सरकार को भेजने का कार्य किया गया। इन्हें आशा है कि खून से लिखे खत पढ़कर सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट होगा। वैसे सच है कि छोटे – छोटे राज्य होने से विकास को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसरों का सृजन भी होगा। इसलिए अमेरिका और जापान के सापेक्ष भारत मे कहीं अधिक राज्य होने चाहिए। युवा इसी तर्क के साथ बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण की मांग कर रहे हैं और एक जन आंदोलन बनने की आशा जता रहे हैं।
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