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भाजपा शीर्ष नेतृत्व हृदय को उल्लास से भर देने वाला निर्णय लेता है। इस बार महिलाओं की उम्मीद की किरण जगी है। जो महिला काम करेगी उसे पद और सम्मान दोनो मिलेगा जैसे कि उरई की जिलाध्यक्ष बनी हैं उर्विजा दीक्षित जिन्हें मैंने काम करते हुए देखा है।

आप महिला मोर्चा मे हमारी क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं। कानपुर बुन्देलखण्ड क्षेत्र की क्षेत्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन आपने समर्पण और परिश्रम से किया। महिलाओं को हमेशा उचित मार्गदर्शन देती रही हैं।

आपके निर्देश मे महिला मोर्चा ने धरातल पर काम कर संगठन की योजनाओं को साकार किया है। लंबा सफर करना और जनता के बीच दल की बात करना कोई आप से सीखे , मैं व्यक्तिगत रूप से हमेशा कुछ ना कुछ आप से सीखती रही और संगठन का काम की।

आपको जिलाध्यक्ष बनाने से बुन्देलखण्ड क्षेत्र की महिलाओं को सम्मान मिला है। जिसके संकेत बड़े हैं कि भाजपा महिलाओं को अधिकार और सम्मान देने का पारदर्शी निर्णय लेती है। जिस महिला अधिकार की बात की जाती है वो यकीनन ऐसे निर्णय से साफ नजर आती है।

भाजपा ने ही महिलाओं को 33 % आरक्षण की बात की है तो उसे संगठन के स्तर पर भी लागू करने का प्रयास करती है जो उर्विजा दीक्षित के जिलाध्यक्ष के रूप मे राजनीति के इतिहास का प्रमाणिक निर्णय साबित होगा।

इससे यह तय होने लगता है कि पुरूषों के मुकाबले महिलाओं को भी समान अवसर मिलेगा जिससे अब महिलाएं आपको प्रेरणा मानकर सक्रियता और समर्पण से कार्य करेंगी तो भविष्य मे ऐसे और निर्णय महिला नेतृत्व के पक्ष मे देखने को मिलेंगे। फिलहाल इस निर्णय से महिलाओं का हौसला बढ़ा है और काम करने पर विश्वास भी बढ़ेगा।

वैसे तो जनपद चित्रकूट मे भाजपा ने सबसे पुराने निष्ठावान और सक्रिय कार्यकर्ता बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के सदस्य लवकुश चतुर्वेदी को और पड़ोसी जनपद बांदा से संजय सिंह को जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देकर संगठन मे लोकतंत्र और कार्यकर्ता के सम्मान का बड़ा संदेश दिया है। सभी नव नियुक्त जिलाध्यक्षों को शुभकामनाएं।

( ‘अंतर्मन ‘ दिव्या त्रिपाठी जिलाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा चित्रकूट )

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