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अब मेरी जिंदगी इस राह पर चल पड़ी है तो कोशिश है कि सीमा विस्तार हो और ज्यादा से ज्यादा जगहों पर हमारी एक टीम ऐसा काम कर सके चूंकि भूख मिटाने के लिए एक सुजान सिंह काफी नही है बल्कि ऐसे अनगिनत सुजान सिंह हमारे समूह के सदस्य होने चाहिए जो अच्छे मददगार की छवि मन मे जिंदा रखते हों उनका हमारे साथ स्वागत है।

काला कोट और खाकी की पहचान आम जन की नजरों मे लूट खसोट करने वाले के रूप मे अधिक पायी जाती है। इनके मददगार होने की कम संभावना के बावजूद लोग मजबूरी इनके पास जाते हैं। वकीलों के पास मुकदमे जीतने के लिए जाते हैं लेकिन हार स्वीकार कर के मुकदमा दायर करवाते हैं। इस बीच गरीब हो या मजबूर वकील को अपनी फीस से मतलब होता है। वह कमाना जानता है और सभी से कमाता है।

परंतु बदलते दौर मे बदलाव आ रहा है। नई पीढ़ी के लोग पेशे की अच्छी छवि जन की नजरों मे पेश कर रहे हैं , जिसकी चर्चा होना भी लाजिमी है। अच्छे कार्य की अच्छी बातें होनी चाहिए जिससे लोग अच्छा कार्य बढ़ चढ़कर करें।

सुल्तानपुर जनपद के एक अधिवक्ता हैं सुजान सिंह नाम है इनका जो इन दिनों भूख – प्यास मिटाने वाले वकील साहब के नाम से फेमस हो रहे हैं। जहाँ चर्चा रहती है कि जिले वकील शाम की सब्जी के लिए भी नही कमा पाते वहाँ एक वकील समाजसेवा करता नजर आ रहा है। चूंकि वकील कमाते भी बहुत हैं यह चर्चा भी आम है।

सुजान सिंह कहते हैं कि मैं कमाना चाहता हूँ अच्छे कर्म। धन की ताबड़तोड़ कमाई से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि चक्रवृद्धि व्याज के नियम से पुण्य कमाया जाए। जो लोग कमज़ोर हैं उनकी मदद की जाए। जीवनयापन मे हो या ईलाज आदि कराना पड़े।

वकील साहब कहते हैं कि हमारे एक मित्र हैं प्रांजल शुक्ला जो पेशे से कलाकार हैं। उनकी कला देखकर डायलॉग सुनकर जिंदगी के बाद के लिए भी ऐसे सत्कर्म करने की प्रेरणा मिली। एक्टर प्रांजल और सुजान सिंह जीभ और दांत की तरह दोस्ती रखते हैं। दोनों आसपास रहकर एक दूसरे की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। जैसे जीभ को कभी दांत जानबूझकर नही काटते हैं और काट भी जाएं धोखे से तो वह भी बहुत अफसोस करते हैं ; यही दोस्ती है।

अधिवक्ता सुजान सिंह लखनऊ हाईकोर्ट के मुकदमों पर नजर रखते हैं। अयोध्या और सुल्तानपुर के मुकदमों को जल्द-से-जल्द निपटवाने मे सक्रिय रहते हैं ताकि लोगों की जिंदगी मुकदमे भर मे ना समाप्त हो जाए। और गरीब वर्ग का मुकदमा मुफ्त मे लड़ने के लिए चौबीस घंटे तैयार रहते हैं।

वकील साहब कहते हैं कि गरीबों से फुटपाथ पर बातचीत करना सुकून महसूस कराता है। जो लोग भूखे रहते हैं उनको भोजन कराकर रात को गहरी नींद आती है। अब मेरी जिंदगी इस राह पर चल पड़ी है तो कोशिश है कि सीमा विस्तार हो और ज्यादा से ज्यादा जगहों पर हमारी एक टीम ऐसा काम कर सके चूंकि भूख मिटाने के लिए एक सुजान सिंह काफी नही है बल्कि ऐसे अनगिनत सुजान सिंह हमारे समूह के सदस्य होने चाहिए जो अच्छे मददगार की छवि मन मे जिंदा रखते हों उनका हमारे साथ स्वागत है।

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