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भारत में बचपन से भाई बहन को भी दूर कर दिया जाता है। कारण जानते हैं आप क्यूं ? 

इतना सब करने के बावजूद बलात्कार बढते ही चले गए तो महसूस कर लीजिए आपने जो किया वो एक प्रतिशत भी सही नही किया। 
अब इसका विपरीत करके देख लीजिए। समझने दीजिए, महसूस करने दीजिए। अजूबा मत बना रहने दीजिए। ऐसी मानसिकता मत विकसित होने दीजिए कि देह में कुछ तो है ? जादू है ? स्पर्श करने मात्र से रोमांच पैदा हो जाता है। 
बिजली के खंभे से हर घर मे बिजली जलती है लेकिन खंभे में करंट नही रहता है और गलती से करंट आ गया तो गाय भी मर जाती है, आदमी को झटका लग जाता है या फिर मर जाता है। 
जो कुछ भी किया है हमारे समाज ने किया है। परिवार ने किया है। दूरियां आकर्षण को जन्म देती हैं। आकर्षण खतरनाक भी हो जाता है। ऐसा ही खतरा वहसी दरिंदो के रूप मे सामने आता है। 
सारा खेल ज्यादा से ज्यादा मानसिकता का है। बचा हुआ खेल राजनीति करा देती है। भारत की राजनीति भी बड़ी दूषित है। इसके बाद का काम बाजारवाद करा देता है। जैसे हाल ही मे Amazon का “ऐश ट्रे” चर्चा मे है। अब सोचिए कोई इसे भी औरत के स्वरूप मे परोस सकता है तो पता करिए कि खरीदने वाले लोग कौन हैं ? कहाँ से आये हैं ? और सोचने वाला मार्केटिंग मैनेजमेंट का व्यक्ति कौन है ?
ऐसी बहुत सी बातें ओशो जैसे दार्शनिक भारत के बारे मे बहुत पहले कह के चले गए हैं पर हम हैं झूठी इज्जत, झूठ धर्मांध संस्कृति के ठेकेदार तो बेशक सरकार कितनी बदल लीजिए, एंटी रोमियो स्क्वाड चला लीजिए। 
नैंसी और निर्भया को न्याय नही मिलेगा !

By – Saurbh Dwivedi

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