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बंदियों के मानसिक विकास के लिए जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर नायाब तरीके खोजते रहते हैं। कभी भजन कार्यक्रम तो खेलकूद के जरिए आपसी सद्भाव बढ़ाने के लिए जिला कारागार चित्रकूट मे क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन हो जाता है। वास्तव मे जेल सुधार गृह की तरह काम करे तो अपराधी अच्छे नागरिक बनकर बाहर आते हैं

एक सप्ताह तक चली क्रिकेट प्रतियोगिता का समापन

चित्रकूट। जिला कारागार में शनिवार को जेल प्रीमियर लीग का फाइनल मैच हुआ। राइटर्स इलेवन ने जुवेनाइल इलेवन को हराकर विजेता का खिताब अपने नाम किया। अरविंद को मैन आफ द सीरीज घोषित किया गया।

गौरतलब है कि बंदियों को मानसिक राहत देने और उनके मनोरंजन की मंशा से जिला कारागार में इस टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। 25 दिसंबर से शुरू इस लीग का शनिवार को फाइनल मैच खेला गया। इसमें राइटर्स इलेवन के कप्तान बंदी उमेश ने टास जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का निर्णय लिया।

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जुवेनाइल इलेवन ने निर्धारित 12 ओवर में 113 रन बनाए। डा. रामानुजम ने चार व उमेश ने तीन विकेट लिए। राइटर्स की टीम ने मात्र 10 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया। बंदी अरविंद को 55 रन के योगदान पर मैन आफ द सीरीज घोषित किया गया। खिलाड़ियों को पुरस्कार भी दिए गए।

जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर ने बताया कि बंदियों को मानसिक सुकून देने के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें बंदियों के साथ अधिकारियों ने अपनी खेल प्रतिभा का बहुमुखी प्रदर्शन किया। डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय ने समापन कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने कहा कि खेल से व्यक्ति का तन के साथ मन भी स्वस्थ रहता है। इस एक सप्ताह तक चली प्रतियोगिता में बंदियों ने पूरे उत्साह से हिस्सा लिया। इस मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. भूपेश द्विवेदी, चित्रकूट प्रेस अध्यक्ष सत्यप्रकाश द्विवेदी, व्यापारी नेता पंकज अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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