By – Saurabh Dwivedi
ये भारत है जहाँ सदा से वीरांगनाएं जन्म लेती आ रही हैं।इन्हीं की सीता- शक्ति की प्रेरणा से रावण ने दस शीश और लंका गंवाई, दुर्गा रूप के हाथों महिषासुर ने अकाल मृत्यु पाई,लक्ष्मीबाई की तलवार के आगे अंग्रेजों की तोपें कांप उठीं।आज मेजर विभूति शंकर ढुंडवाल की पत्नी वीरता और धैर्य की प्रतिमूर्ति बन पाकिस्तान को ‘जयहिंद’की घन गर्जना में ललकारती है।शत शत प्रणाम भारत को जो वीरांगनाओं की उर्वरक भूमि है।जहां एक बेटे की शहादत पर माँ बहन पत्नी और बेटी फ़टे कलेजे के साथ कहती हैं कि हमे गर्व है उनकी शहादत पर।जयहिंद जयहिंद की सेना – डा. जया नर्गिस.
असल में पाकिस्तान यूं ही नहीं डरा। उसने देख लिया भारत के बलिदानियों की विधवा पत्नी की मुहब्बत का जादू। उसे दिख गया कि अरे यहाँ की वीरांगनाएं मौत पर भी ” आई लव यू ” कहकर विदा करती हैं।
वो समझ गया कि हम भारत का हौसला खत्म नहीं कर सकते , डिगा नहीं सकते। चूंकि भारत की वीरांगनाएं मोहब्बत से अंतिम जनाजे को विदा करती हैं। अरे हम कैसे हौसला डिगा सकते जो बलिदान – बलिदानी प्रेम से सराबोर हों कि लो देख लो हमारी प्रेम की दास्तान। ये हमारे जन्म – मृत्यु की यात्रा है। जहाँ आत्माएं मिला करती हैं , वही ऐसा प्रेम होता है।
अरे मूर्ख नाम पाक है मतलब पवित्र पर तुम तो अपवित्र हो चुके हो अपितु राक्षसी अवतार मे हो। तुम्हारा अंत निश्चित है। बेशक कितना इतरा लो , अब बस हो चुका है। तुम्हे समझ मे भी आ चुका है कि ये बलिदान होगें और बलिदान होने के लिए पुनर्जन्म लेंगे। वो विधवा बनने के लिए पुनर्जन्म लेंगी। प्रेम की यात्रा अनवरत जारी रहेगी।
देखो हम भाषा से नफरत नहीं करते। बल्कि जब – जहाँ जो शब्द मीठा लगा , रसीला लगा , चुटीला लगा बस फनकार आ जानी चाहिए। बस हम प्रयोग कर लेते हैं। जैसे आत्मा को रूह कह देते हैं और दोनों साँस एक ही लय में बहती है। आआआआआआ ………… रूरूरूरूरूरू एक गहरी साँस। हम रूह कह देते हैं , आनंदित होने के लिए , आत्मा कह लेते हैं गर्व महसूस करने के लिए। किन्तु तुम्हारे आतंक की वजह से ऊर्दू प्रयोग करने से बचने की कोशिश करने लगते हैं। चूंकि हमे अपने देश से प्रेम है इसलिए तुमसे नफरत करने के साथ भाषा से भी दुर्गंध आती है।
अहसास हो रहा कि तुम संभल जाओगे या चुके हो इस बार से अथवा अपना अंतिम हश्र करवाकर मानोगे। जानते हो ना बहादुर जवानों को , यहाँ की वीरांगनाओं को। हम प्रेम के साए में शौर्य के तप से वीरता से युद्ध जीत लेंगे और तुम नफरत में आत्महत्या कर लोगे। यहाँ के वीरों की आत्माएं तुम्हे झकझोर देंगी , वीरांगनाओं की आंखो की ज्वाला से जलकर राख हो जाओगे।
#जयहिन्द नमन वीर जवानों को।