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वर्ष 2023 का फरवरी माह कप्तान वृंदा शुक्ला की चर्चा का माह साबित हुआ तो फिर यह चर्चा लगातार हो रही है। पहली बात चित्रकूट जनपद मे पहली बार कोई ऐसी बड़ी कार्रवाई हुई उस पर भी पुलिस कप्तान महिला हैं। जिन्होंने मुखबिर की सूचना पर रगौली जेल मे छापा डाला और सूबे के सबसे बड़े दबंग खूंखार माफिया मुख्तार परिवार से मोहरा लिया।

समानांतर सरकार चलाने वाला एक ऐसा खुंखार परिवार जो कभी जेल पहुंच जाए तो सुविधाएं उनके घर आए मेहमान की तरह दी जाने लगती हैं और सपा – बसपा के शासनकाल मे खूब फले फूले। यही बड़ा कारण रहा कि पड़ोसी जनपद बांदा जेल मे एक समय कोई भी जेल अधीक्षक बनने को तैयार नही हो रहा था , चर्चा पुख्ता है। हालांकि योगी सरकार मे मुख्तार की नाक और धाक इस तरह कतर दी गई कि बांदा जेल मे मुख्तार अंसारी को कैदी की भांति रहना पड़ा , इधर उसका बेटा अब्बास अंसारी रगौली जेल आ गया।

कहावत है कि बाप एक नंबरी तो बेटा दस नंबरी और अब्बास की हुकूमत चित्रकूट जेल मे चुपके चुपके चलने लगी। किसी को भनक तक नही हुई कि जेल प्रशासन अब्बास अंसारी व उसकी पत्नी निखत अंसारी से किस कदर सध गया है और पति – पत्नी प्राइवेट रूम मे मिलने लगे।

इस गैर-कानूनी किस्से की भनक कप्तान वृंदा शुक्ला को लग गई तो उन्होंने वेब सीरीज जैसी फिल्मी इस्टाइल मे जेल पर छापा डाला , साथ मे लिया डीएम अभिषेक प्रकाश आनंद को। और इस तरह जेल मे गैर-कानूनी मिलने – मिलाने के खेल का पर्दाफाश हो सका। जिससे उत्तर प्रदेश मे किसी तूफान की तरह खबर चहुंओर पहुंचने लगी और एक ही नाम छाने लगा कप्तान वृंदा शुक्ला।

इनके तेज तर्रार होने एवं साहसी होने की चर्चा शासन के बड़े स्तर पर होने लगी , सुनने मे तो यह भी आया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस साहसिक कार्रवाई से अत्यंत प्रसन्न मुद्रा मे हैं चूंकि जो साहस मुख्तार परिवार के खिलाफ बड़े बड़े मर्द अफसर नही रख रहे थे उनसे बड़ा साहस एक लेडी अफसर ने कर दिखाया और वो कहावत चरितार्थ हुई कि खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी , इसलिए सबकी वाणी मे एक नाम बस गया कप्तान वृंदा शुक्ला।

जिससे लोग इनका इतिहास जानने की जिज्ञासा रखने लगे और सबको अमेरिका से लेकर भारत तक के उनके सफर की जानकारी होने लगी। अमेरिकी की एक प्राइवेट कंपनी मे नौकरी करते हुए सर्विस की तैयारी करना एवं नौकरी के दौरान अपने ही प्रेमी – पति की बिग बॉस होने की चर्चा भी चहुंओर छाने लगी , शायद रह याद आते ही स्वयं कप्तान वृंदा शुक्ला भी फुर्सत के समय मे खुश होती होंगी। यह दिलचस्प किस्सा लगभग सभी को मालूम होने लगा और उनके इस साहस की चर्चा कर लोग गौरांवित होते हैं।

छापा डालने के पश्चात निखत को जेल भेजना और चित्रकूट के ही सपा नेता को सलाखों पर पहुंचाकर अग्रिम कार्रवाई मे जेल प्रशासन को भी गिरफ्तार कर बड़ी कार्रवाई के लिए देश – प्रदेश की सबसे चर्चित चेहरा बन चुकी हैं।

सिर्फ इतना ही नही अनुसूचित जाति की नाबालिग लड़की से यौन शोषण के मामले पर फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए पुलिस की ओर से पावरफुल तर्क देकर चार आरोपियों को 4 वर्ष की कैद व जुर्माने की सजा सुनाने में प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष भूमिका का निर्वहन किया।

उनके ऐसे कार्यों की बदौलत अपराधियों मे खौफ छा रहा है तो चित्रकूट जनपद की छवि मे बड़ा सुधार आया है। पुलिस का कार्य – व्यवहार तीव्रता के साथ परिवर्तनशील हुआ है। जैसे कप्तान के आदेश से अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैया एवं निर्दोष जनता के साथ मृदुल व्यवहार पानी मे सूर्य की भांति झलकने लगा।

दिसंबर से मार्च तक के कुछ ही सप्ताह मे चित्रकूट की बयार बदली तो वहीं उत्तर प्रदेश मे एक अलग ही माहौल बनने लगा जिसका असर बड़ा व्यापक होने जा रहा है। इधर प्रदेश स्तरीय रेटिंग मे जनसुनवाई पोर्टल मे चित्रकूट पुलिस का शानदार प्रदर्शन रहा जो प्रदेश मे 5 वें स्थान पर अंकित है।

हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन 8 मार्च को होता है। जिसमे ऐसी ही साहसिक महिलाओं की चर्चा होती है और राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। हालाँकि कप्तान वृंदा शुक्ला फरवरी माह मे यह कार्रवाई करने मे सफल हुई हैं और आगे भी वह ऐसी तमाम कार्रवाई करती रहेंगी तो संभव है कि अगले वर्ष या किसी भी वर्ष मे वह इंटरनेशनल वूमन डे की सबसे चर्चित चेहरे मे से एक होंगी , ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं और संभावना प्रबल इसलिए है कि आप एक संवेदनशील लेखिका हैं जो अखबार के संपादकीय पृष्ठों पर लिखकर समाज और कानून की समीक्षा समय-समय पर करती रहती हैं।

अतः आप एक ऐसी व्यक्तित्व बनकर उभर रही हैं जिनसे ना सिर्फ महिलाएं बल्कि पुरूष वर्ग भी बड़ी प्रेरणा महसूस कर रहा है। पुलिस प्रशासन मे एक साहसी अधिकारी के रूप मे चर्चित चेहरा हैं।

( यह विश्लेषण फुलस्टाॅप के लिए @SaurabhDwivedi द्वारा लिखा गया है )

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