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चित्रकूट : धर्म नगरी चित्रकूट मे भागवत कथा आयोजन होता रहना शुभ फल प्रदान करता है। भागवत कथा सुनना सौभाग्य से हो पाता है। पिछले दिनों कामतानाथ परिक्रमा मार्ग पर भागवत भूषण बृजेन्द्र शास्त्री जी महाराज से मुलाकात वार्ता मे उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर से कथा महोत्सव होने जा रहा है।
श्रीमद्भागवत कथा के प्रति जिज्ञासा जगी तो उन्होंने बताया कि भागवत का दर्शन करने से भक्त को पुण्य लाभ होता है। भागवत भगवान की महान कृपा होने लगती है। असल मे मद् शब्द जो श्रीमद्भागवत मे है उसका मतलब ही मद् जो जीवन मे आ गया है उससे मुक्ति दिलाती है यह कथा। और भक्ति मे रम जाता है आदमी।
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भगवान कथा सुनने वाले भक्त को अपनी ओर आकर्षित करने लगते हैं एवं कथा वाचन से संपूर्ण पाप नष्ट हो जाते हैं। पुराण अठारह हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण श्रीमद्भागवत कथा है। जो आदमी को बुराईयों से मुक्त कर तार देती है। बुराई से मुक्ति और जनम मरण से मोक्ष मिलने का एकमात्र मार्ग भागवत कथा है।
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जिसका महत्व जीवन रहते है और मृत्यु के बाद भी भागवत कथा का महत्व है। जब किसी की मृत्यु हो जाती है। उसके बाद फोटो रखकर आयोजक के संकल्प लेने मात्र से उस जीवात्मा को कथा का लाभ मिल जाता है।
जहाँ श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन होता है वहाँ हनुमान जी महराज स्वयं विराजमान हो जाते हैं। इसलिए जीवन मे अवसर मिलते ही मन लगाकर कथा अवश्य सुन लेना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक भागवत भूषण बृजेन्द्र शास्त्री जी महाराज की कथा सुनने भक्त गण स्वयं आने लगते हैं। यह कथा महंत श्यामदास जी महराज गोलोकवासी कल्याणदास जी महाराज की पुण्यतिथि मे करवा रहे हैं।
चित्रकूट कामतानाथ परिक्रमा मार्ग तृतीय द्वार खोही बड़ा अखाड़ा मे कथा होनी है। जो 10 दिसंबर से 17 दिसंबर तक होगी। 17 दिसंबर को ही भंडारा होगा।