By – Saurabh Dwivedi
अहसास में बस जाना अपने आप में अद्भुत होता है। कल्पनाओं का प्रेम सीने के अंदर कहीं गहराई में समाता चला जाता है। एकदम गहरे में। इस रिश्ते में मिलन हो ना हो सिर्फ महसूस करने की बात अहम होती है। एक ऐसा रिश्ता व्यक्तित्व में समाकर जीवन देता चला जाता है।
यूं ही कोई किसी से नहीं मिलता। यूं ही अहसास नहीं समाने लगते। ऐसे ही किसी के लिए शब्द – शब्द प्रस्फुटित नहीं होने लगते। तस्वीर मात्र देखकर किसी का महसूस हो जाना अद्भुत होता है। इसी जीवन और संसार में तस्वीर से भी प्रेम महसूस हो जाता है। तस्वीर बोलने लगती है।
तस्वीर देखकर महसूस करना। शब्दों से प्रेम को प्रकट करना और जीने लगना भी सुखपूर्ण होता है। जो इस संसार में आवश्यक नहीं कि सबके साथ घटित हो पर जिनके साथ घटित होता है , वे नैसर्गिक सुख मे होते हैं।
हाँ ऐसे रिश्ते और प्रेम में दर्द का भी अपना स्थान होता है। शायद इसीलिए दर्द के दरिया की परिकल्पना हुई है। वरना कहाँ देखा गया दर्द का दरिया ? किन्तु दर्द का दरिया सीने में अपनी विशाल जगह बना लेता है। फिर इसी में सुख और सुख आंसू छलकते हैं।
जब किसी की दूरियों के अहसास में अनायास ही दर्द महसूस हो और आंसू बहकर निकल पड़ें , वही कहा जा सकता है कि दर्द का दरिया है। यह सुख से ही अपना आकार लेना शुरू करता है और अस्तित्व में तब महसूस होता है , जब नजदीकियां दूरियों में तब्दील महसूस होने लगें और एक पुकार मन ही मन उठे।
आंसुओं का छलकना भी किसी योग से कम नहीं। चूंकि बहते आंसुओं के बाद का सुख भी मनुष्य को हल्का महसूस करा देता है। यह भी तय है कि हम किसी को सिर्फ एक व इसी जन्म की वजह से महसूस नहीं करते बल्कि कोई एक ऐसा जन्म जब हम साथ-साथ किसी रिश्ते में जिए होते हैं। सामान्य तौर पर हमें याद नहीं होता पर तरंगे जरूर किसी जन्म की होती हैं।
हाँ प्रेम का नैसर्गिक सुख ऐसे ही महसूस होता है। यह भी आवश्यक नहीं कि किसी जन्म का रिश्ता इसी जन्म में उसी स्वरूप मे हो। बल्कि वह अलग रिश्ता भी हो सकता है। सिर्फ इंसान को अस्तित्व महसूस कर रिश्ते को जी लेने की कला आती हो। वह कुछ भी सामाजिक रूप से गलत ना लेकर आत्मा के सुख को महसूस कर सके। दर्द के दरिया से अपनी आत्मा को हथेलियों में लेकर सीने से लगा हृदय में समा ले तो सचमुच इससे बड़ा सुख कहीं और किसी में नहीं होता। वरना एक जिंदगी तो सभी जीते ही हैं। सचमुच दर्द का दरिया की कल्पना किसी आत्मीय अद्भुत प्रेमी ने की रही होगी। जिसे जन्मोजन्म के प्रेम और जिंदगी के अस्तित्व का अहसास रहा होगा।