By :- Monica sharma
आज कहीं पढ़ा इश्क की कोई उम्र नही होती ।
मैं मानती हूं पर स्वीकार नही करती थी ।
इन दिनों एक कहानी पढ़ी, एक बार पढ़ी, दो बार पढ़ी, फिर तीसरी बार पढ़ी, चौथी बार पढ़ रही हूं, जितना पढ़ती हूं डूबती जाती हूं । अब उस परिकथा के किरदार से इश्क हो गया । जो है तो पर सिर्फ कहानी में किसी कागज के पन्ने पर ।
इश्क उस से जिस की कोई तस्वीर नही है ।उस के उस रूप को मेरी आँखों ने गढ़ना है ।
जिसकी आँखे ईर्ष्या में सुर्ख रहती हैं, किसी भयावह जंगल का बुरा राजा , वो जो किसी से जुड़ता नही किसी को करीब नही आने देता । वो जो टूटा है अपनों के तोड़ने से , उसका मौन दर्दनाक है, जंगल जंगल पहाड़ पहाड़ नदी नदी भटकता है, जिसका विशाल सीना किसी पर्वत की भांति है, जिसका स्पर्श अद्भुत प्रेम से भरा है।
और एक दिन इस परिकथा का ये बुरा राजा, अचानक अनजाने में एक साधारण लड़की को ,राजकुमारी समझ अंधरे में वो प्रेम भरा चुम्बन दे देता है ।
महसूस कर सकती हूं वो कितना प्रेममय स्पर्श होगा होठों पर उसके होठों का ।
अर्थात उस कठोर बुरे राजा के हृदय में प्रेम भरा है जो वो कभी दिखा नही पाया ।
उसका हर दर्द उसका प्रेम उसका वो स्पर्श उस किरदार को महसूस करने लगी हूं ।पता नही मैं प्रेम में हूं या उस से प्रेम करने लगी हूं।
कहते हैं इश्क की कोई उम्र नही होती, इश्क का कोई रूप नही होता पर आँखों से बयां होता है ।
और इश्क में इश्क हो जाना और फिर इश्क को इश्क से कहना कि हां पढ़ लो मेरी आँखों को कि मैं इश्क में हूं ।
(Monica Sharma की फेसबुक वाल से )