अगर कुछ चिंतनीय है तो वह गोवंश की जिंदगी है , वैसे तो बंदर भी इन दिनों परेशान कर रहे हैं जो लोगों के घर घर मे कूद रहे हैं और खेत की फसल भी नष्ट कर रहे हैं ऐसे मे किसान ना सिर्फ खेत से परेशान है बल्कि घर मे भी परेशान है।
इधर बड़ी परेशानी साहब लोग की है कि वे ईमानदार हैं और कर्मठ हैं। साहब लोग को अपनी ईमानदारी का लोहा सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से मनवाना है वो इसलिए कि सीएम साहब आप ईमानदार हो तो मैं आप से कम ईमानदार नही हूं।
ईमानदारी का सारा दारोमदार गोवंश की जिंदगी पर आकर टिक गया है। अभी ठिठुरन वाली ठंड आएगी तो बिना किसी व्यवस्था के अनगिनत गो वंश मर जाएंगे और मुसलमानों की कब्र की तरह गढ्ढा खोदा जाएगा जिसमे मरी हुई गाय को जन्नत नसीब हो जाएगी।
इधर भूसा की किल्लत ऐसी है कि ईट भट्ठा वाले गांव से थोक के भाव भूसा खरीद ले जा रहे हैं और ग्राम प्रधान जीएसटी वाला भूसा जाने कहाँ – कहाँ से खरीद रहे हैं। भूसा की जाने कितनी फर्म हैं जो तैतीस कोटि देवताओं के नाम से बनी हुई हैं जिनमे चढ़ावा खूब चढ़ता है मतलब भूसा तौला जाता है और ट्रैक्टर की ट्राली मे लदकर गांव लाया जाता है।
फिर भी खबरें वायरल हो रही हैं कि गाय को भूसा खाने को नही मिल रहा है बल्कि पैरा खा रही हैं और विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार पैरा गोवंश के लिए काल है जिसमे फंगस पाया जाता है जो जानलेवा बीमारी का कारण बन जाता है इसलिए भी गोशाला मे गोवंश की मौत हो रही है जो बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बिसरा रिपोर्ट के सामने नही आ सकता।
इधर पशु चिकित्सक सनातनी होने की वजह से गाय की खूब देखभाल कर रहे हैं वो नियमित हेल्थ चेक करते हैं फिर भी बेचारी गाय के मरने की खबर वायरल हो जाती है।
प्रशासन के कागज मे सबकुछ दुरूस्त है और जो नही दुरूस्त होता उसका पैसा साहब काट लेते हैं जानकारी के अनुसार प्रधान को पेमेंट करते समय नियमों का बड़ा छन्ना लगाया जाता है और उस छन्ना मे कुछ पर्सेंट धनराशि सेफ रह जाती है जिससे योगी सरकार को जानकारी दी जा सके कि हमने ईमानदारी से नौकरी करते हुए प्रधान के खाते से इतने प्रतिशत धन बचाकर आपके बजट की रक्षा की है , हो सकता है कि सरकार इससे प्रसन्न होकर ज्यादा वर्ष तक जनपद मे टिकने देते हों या फिर प्रमोशन मे लाभ मिल जाता हो।
किन्तु देशी गाय का आज तक प्रमोशन नही हुआ कि वह साहीवाल बन जाती और ज्यादा दुधारू होती और साहब – साहबाइन की तरह समझदार होती तो लोग घर मे इज्जत से रखते और कामधेनु की तरह लाभ पाते लेकिन साहब लोगों के लिए गोशाला एक कामधेनु है !
प्रधान हमेशा रोते हुए मिलते हैं कि गोशाला का पेमेंट नही मिल पा रहा है एकाध प्रधानपति तो कहते मिल जाते हैं कि मेरी पत्नी प्रधान जिम्मेदार सहबाइन से बोलकर आई है कि हाथ के कंगन बेचकर गोशाला चलाऊंगी और गोवंश की सेवा करूंगी।
हालात की सच्चाई सीएम योगी की कोई खूफिया एजेंसी ही पता कर सकती है क्योंकि साहब लोग तो आख्या लगा देंगे कि लिखी हुई खबर भ्रामक एवं मिथ्या है इसलिए लोकसभा चुनाव के जैसे हालात 2027 मे ना हों इसके लिए स्वयं सीएम योगी ही या फिर खूफिया एजेंसी ही ईमानदार साहब – सहबाइन की कार्यशैली का पता लगा लें और गोवंश की हालत देख लें साथ ही किसानों के घर से खेत की दुर्दशा का दर्पण देख लें तो यकीनन बुलडोज़र साबह – सहबाइन की ईमानदारी पर चलेगा कि ये ईमानदारी ठीक नही है जिसमे गोवंश का श्राप लगे।
आशा है कि महाकुंभ मे संत समाज ही कुछ ऐसा बोल दे कि धर्म नगरी चित्रकूट से लेकर उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद मे गोवंश के सालात मे सुधार आएं जिससे लोग ना बंटे ना कटें और एक रहें तो सेफ रहें और जुडेगे तो जीतेंगे के दौर के हर नारे मे जिंदगी जिंदाबाद का नारा सबसे बुलंद नारा होगा।