SHARE

@Saurabh Dwivedi

एक हंसमुख स्वभाव का व्यक्तित्व जो सांसद आरके पटेल के वैसे ही साथी माने जा रहे हैं , जैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथी अमित शाह हैं। राजनीति की दुनिया मे ऐसी जोड़ी बालीवुड की दुनिया की तरह बड़ी प्रसिद्ध और लोकप्रिय रही हैं। यही वजह है कि शक्तिप्रताप सिंह तोमर सांसद प्रतिनिधि भी हैं , हमने पिछले दिनों गांव पर चर्चा एवं पर्यावरण संरक्षण पर उनसे चर्चा की थी।

गांव पर चर्चा का मूल विषय गांव की जनता का मानसिक विकास एवं गांव में सुविधा मुहैया होने के साथ पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता लाना है। हमसे चर्चा के दौरान शक्तिप्रताप सिंह ने कहा कि प्रकृति के साथ चलने से मनुष्य के जीवन का अस्तित्व है। पर्यावरण संरक्षण की बदौलत शुद्ध वायु मिलती है , जिसकी आक्सीजन से हमें जीवन मिलता है। एक स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति के खिलाफ ना जाकर प्रकृति के शरण मे ही पहुंचना होगा।

उन्होंने कहा कि गांव पर चर्चा जैसे कार्यक्रम से गांव मुख्यधारा मे बना रहता है। गांव के मुद्दे प्रकाश मे आएंगे और लगातार संवाद से मुद्दे स्मरण रहेंगे।  जिससे जिम्मेदार शख्सियतों को काम करने मे सरलता भी होगी।

गांव पर चर्चा मे पर्यावरण संरक्षण जैसा प्रमुख मुद्दा समाहित है। ऐसी चर्चा ग्रामीणों से होने पर जनता वृक्षारोपण के लिए प्रेरित होगी। वृक्षारोपण कर उसके संरक्षण की बहुत आवश्यकता है , जो जनजागरूकता से ही संभव है। अब युवाओं को वृक्ष प्रहरी भी बनना चाहिए। 

सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि एक – एक वृक्षारोपण से आत्मा को सुख मिलता है। वृक्ष लगाते समय हथेली मातृभूमि की मिट्टी को स्पर्श करती है , जैसे मां के चरण स्पर्श कर लिए हों। यह महत्वपूर्ण है कि वृक्ष पानी की मशीन हैं , इसका ज्ञान युवा पीढ़ी के साथ गांव के बुजुर्गों को भी होना चाहिए। हालांकि ज्ञान रहता है परंतु हम विस्मृत होने लगते हैं और इसी का परिणाम है कि आज वृक्षारोपण एक मजबूरी भी बन गया अन्यथा हम स्वस्थ जीवन खोते चले जा रहे हैं।

श्री सिंह ने कहा जैसे मेरे नाम का प्रथम शब्द शक्ति है वैसे ही एक वृक्ष की शक्ति का अहसास है और अबकी बारिश में सभी से अपील है कि वृक्ष लगाकर प्रकृति की शक्ति मे इजाफा करें। ये वृक्षों का प्रताप है कि हमें आज भी शुद्ध वायु हद तक ग्राम स्तर पर मिल पाती है अन्यथा हमारे महानगर वायु प्रदूषण के लिए चर्चा मे रहते हैं और खुले में सांस लेना दूभर होने लगा है। अतः मैं अपने नाम के प्रताप शब्द के द्वारा जनता से वनों के प्रताप को महसूस करा रहा हूँ।

अंत में उन्होंने कहा कि मुझे आज अपने गांव की मिट्टी मे पौधे लगाकर जन्म साकार होने जैसा महसूस हुआ। अहसास है कि ये पौधे भविष्य में छायदार वृक्ष बनकर ना सिर्फ छाया देंगे अपितु हमारी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध वायु देंगे। एक – एक वृक्ष हमारे स्वस्थ जीवन का प्राकृतिक वेंटिलेटर है , यदि वैज्ञानिकों के वेंटिलेटर मे जाने से बचना – बचाना है तो इस बारिश मे अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने गांव पर चर्चा का समर्थन किया और कहा कि इस चर्चा के अनवरत चलते रहने के लिए शुभकामनायें हमेशा साथ हैं।
______________

कृष्ण धाम ट्रस्ट ” सोशल केयर फंड ” में 100, 200, 500 और 1000 ₹ या ऐच्छिक राशि का सहयोग कर शोध परक लेखन / पत्रकारिता के लिए दान करें।
(Saurabh chandra Dwivedi
Google pay ( mob. )8948785050
Union bank A/c – 592902010006061
Ifsc – UBIN0559296
MICR – 559026296
karwi Chitrakoot )

image_printPrint
5.00 avg. rating (98% score) - 1 vote