जल जीवन मिशन कहने को तो लोगों को जल देकर जीवन दिया जाएगा परंतु इस योजना पर पहले ही बड़े सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं , बड़े आराम से भ्रष्टाचार के घेरे मे हर घर नल हर घर जल योजना घिर चुकी है।
भारत सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसकी चर्चा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका मे की और बड़े गर्व से उन्होंने कहा कि मानव मात्र के कल्याण के लिए काम करते हैं और भारत मे भेदभाव रहित योजनाएं संचालित हो रही हैं , प्रत्येक नागरिक को शुद्ध जल देने के लिए सरकार ने युद्ध स्तर पर काम करना शुरु किया है।
किन्तु इसकी जमीनी सच्चाई सुनकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के होश उड़ जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सदमा लग जाएगा कि इतनी सख्त नीति के बावजूद भी एक मास्टर ट्रेनर इतना बड़ा खेल खेल जाएगा और जिस कंपनी को प्रशिक्षण देने का काम दिया गया वह प्रशिक्षण के नाम पर ऐसी घटिया स्तर की खाना पूर्ति कर ड्रीम प्रोजेक्ट को इतिहास की कोई घटना बनाकर रख देना चाहते हैं।
हाँ ; यही हाल पहाड़ी ब्लाक क्षेत्र मे ब्लाक प्रमुख सुशील द्विवेदी ने देखा तो वह बिफर पड़े कि हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सबसे मुख्य और बड़े प्रोजेक्ट की ऐसी हालत की जा रही है।
चूंकि प्रमुख पहाड़ी को जानकारी मिली कि इमीनेंस इनोवेटिव स्कूल एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड भोपाल द्वारा प्रशिक्षण मे धांधली की जा रही है , जहाँ प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्यों की सबसे ज्यादा उपस्थिति कागजी है और कुर्सी पर बेहद कम लोग नजर आते हैं उस पर भी गंभीरता से प्रशिक्षण नही हो पा रहा।
संभवतः मास्टर ट्रेनर को अपने प्रोफेशन मे दक्षता नही प्राप्त है तो प्रशिक्षणार्थी उनसे जुड़ाव नही रख पाते और अगल-बगल झांकते हुए आखिर ऐसा क्या सीखेंगे जिससे नल की टोटी भी लगा पाएंगे ? या जल की व्यवस्था मे कोई भूमिका निभा पाएंगे।
लोगों का कहना है कि विकास खंड पहाड़ी मे उपलब्ध मीटिंग हाल मे प्रशिक्षण ना करा कर एक गेस्ट हाउस मे कराने से फर्क साफ हो जाता है कि प्रशिक्षण देने वाली कंपनी और स्टाफ किसी की नजरों से बचना चाहते हैं लेकिन मीडिया की तीसरी नेत्र से नही बच सके। लोगों से सुना गया कि लंच पैकेट मे घटिया क्वालिटी के तेल से निर्मित पूड़ियां दी गईं जो इस तापमान की गर्मी मे लोगों मे हैजा कालरा और दस्त जैसी बीमारियों को जन्म देने के लिए पर्याप्त है।
बताते हैं कि मास्टर ट्रेनर की गुंडई के चर्चे खूब हैं , भोपाल की कंपनी है तो किसी बहुत बड़े नेता से सीधे संबंध होने का एलाउंस कर प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्यों को चुपचाप रहने की हिदायत दी जाती है सांकेतिक रूप से , इस तरह के प्रशिक्षण की खबर सुनकर ब्लाक प्रमुख पहाड़ी सुशील द्विवेदी ने मास्टर ट्रेनर सहित जिम्मेदार कंपनी को मैसेज दिया कि भारत सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है किसी प्रकार धांधली होने पर जांच कराई जाएगी।
हालांकि यह होना चाहिए कि जिम्मेदार प्रशासन और शासन को इस योजना की जांच करा लेनी चाहिए और चलते प्रशिक्षण को टास्क फोर्स द्वारा चेक किया जाए और धांधली पाए जाने पर उक्त कम्पनियों को टेंडर निरस्त किया जाए।